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    जेमिमा रॉड्रिग्स: 17 साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण, ‘बेबी’ से मध्यक्रम की रीढ़ बनने तक का सफर

    भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मध्यक्रम की मजबूत स्तंभ, जेमिमा रॉड्रिग्स की कहानी, संघर्ष, दृढ़ता और अंततः सफलता की कहानी है। 25 वर्षीय इस मुंबई की बल्लेबाज ने हाल ही में महिला वनडे विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच जिताऊ नाबाद 127 रन की पारी खेलकर यह साबित कर दिया कि वह अब केवल ‘बेबी’ नहीं रहीं, बल्कि टीम की एक अहम खिलाड़ी बन चुकी हैं।


    शुरुआती सफर और पहचान

    • 5 सितंबर 2000 को मुंबई में जन्मीं जेमिमा ने फरवरी 2018 में, महज 17 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। ‘बेबी’ का सफर: शुरुआती दिनों में वह टीम में सबसे छोटी थीं और प्यार से ‘बेबी’ कहकर पुकारी जाती थीं। उन्हें कई बार टीम से बाहर भी किया गया, जिसमें 2023 महिला टी20 विश्व कप के बाद टीम से ड्रॉप होना भी शामिल है। उन्होंने आलोचनाएं झेलीं, लेकिन हार नहीं मानी। 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और 2024 में शानदार वापसी करते हुए टीम का अहम हिस्सा बन गईं।

    विदेश में मिली स्वतंत्रता और आत्मविश्वास

    जेमिमा अपने करियर में आए बड़े बदलाव का श्रेय इंग्लैंड में अब बंद हो चुकी किआ सुपर लीग (केएसएल) को देती हैं।18 साल की उम्र में यह उनका पहला विदेशी टी20 लीग अनुभव था, जहाँ उन्हें पहली बार अकेले रहने का मौका मिला। उन्हें खुद कपड़े धोने, खाना बनाने और सफर का खर्च संभालना पड़ता था। उन्होंने बताया कि इस अनुभव ने उन्हें बहुत बदल दिया और अधिक स्वतंत्र बना दिया। उस टूर्नामेंट में उन्होंने 57.28 की औसत और 149.62 के स्ट्राइक रेट से 401 रन बनाए थे, जिसमें 58 गेंदों पर नाबाद 112 रन भी शामिल थे।


    संयम और प्रेरणा स्रोत

    महिला प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते हुए उन्हें ऑस्ट्रेलिया की पूर्व महान कप्तान मेग लैनिंग के साथ खेलने का अवसर मिला। जेमिमा ने लैनिंग से दबाव में शांत रहने का तरीका सीखा। उन्होंने कहा, “जब कप्तान खुद संयम में रहती है, तो पूरी टीम में आत्मविश्वास आता है।” यह संयम अब उनके खेल का हिस्सा बन चुका है। जेमिमा के खेलने की शैली कुछ हद तक महान बल्लेबाज मिताली राज से मिलती है। वह शॉट टाइमिंग पर काफी विश्वास करती हैं, जैसा कि उनके आदर्श खिलाड़ी विराट कोहली करते हैं। उनके पिता की सलाह थी, “आपको रन बनाने के लिए शक्तिशाली होने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस दिमाग रखने और अपने तरीके से रन बनाने की जरूरत है।”


    विश्व कप सेमीफाइनल: आंसुओं में घुला विश्वास

    2025 महिला वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में, जब भारत मुश्किल में था, जेमिमा ने धैर्य और क्लास के साथ नाबाद 127 रन की पारी खेली और भारत को तीसरी बार फाइनल में पहुँचाया। मैच खत्म होने के बाद उनके चेहरे पर आए आंसू केवल जश्न नहीं थे। वे उन वर्षों की मेहनत, संघर्ष और खुद पर विश्वास के प्रतीक थे, खासकर 2023 में टीम से बाहर किए जाने के बाद। उनके माता-पिता (लविता और इवान रॉड्रिग्स) और कोच प्रशांत शेट्टी उनके भरोसे के सबसे मजबूत स्तंभ रहे, जिन्होंने मुश्किल समय में भी उन पर विश्वास बनाए रखा।


    जेमिमा का अंतरराष्ट्रीय करियर

    प्रारूपमैचरनऔसतशतक/अर्धशतक
    टेस्ट323558.750/3
    वनडे58172535.203/8
    टी20 अंतरराष्ट्रीय112237530.060/13

    ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 127 रन की नाबाद पारी उनके वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है। भारतीय महिला टीम अब 2 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से विश्व कप फाइनल में भिड़ेगी।

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