विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान जा रहे हैं। इससे पहले उन्होंने दोटूक पाकिस्तान को बता दिया है कि भारत के इरादे क्या हैं। दरअसल वे आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस दिल्ली द्वारा आयोजित गवर्नेंस पर सरदार पटेल व्याख्यान में बोल रहे थे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आजादी के बाद रियासतों के मुद्दे पर सरदार पटेल संयुक्त राष्ट्र में जाने के खिलाफ थे। उन्होंने जूनागढ़, हैदराबाद के मामले में इसका विरोध किया था। वह इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि भारत को अपने मुद्दे को अन्य शक्तियों के सामने नहीं छोडऩा चाहिए। हम सभी के लिए दुख की बात है कि उनकी सावधानी को नजरअंदाज कर दिया गया।
सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं करेंगे
एस जयशंकर ने कहा कि जो मुद्दा जम्मू और कश्मीर प्रश्न के रूप में शुरू हुआ, उसे भारत और पाकिस्तान प्रश्न में बदल दिया गया। मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने में उनकी अनिच्छा थी। उनका विश्वास था कि पाकिस्तान के साथ सीधे निपटना बेहतर है। किसी भी अन्य पड़ोसी की तरह, भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके नहीं। सरदार पटेल द्वारा दिखाया यथार्थवाद हमारी नीति का आधार होना चाहिए।