पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन हो रहा है। 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर चार सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान पहुंच चुके हैं। इससे पहले भारत को लेकर नवाज शरीफ का दर्द छलका है। पूर्व पीएम ने भारत के साथ अच्छे संबंधों की एक बार फिर पैरवी की है। नवाज शरीफ ने कहा कि यह बहुत अच्छा रहता कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान आते।
यह बोले नवाज शरीफ
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि मैं हमेशा से भारत के साथ अच्छे संबंधों का समर्थक रहा हूं। मुझे आशा है कि हमारे रिश्तों को पुनर्जीवित करने का अवसर जरूर मिलेगा। यह बहुत अच्छा रहता अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान आते। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि निकट भविष्य में उन्हें और हमें एक साथ बैठने का मौका मिलेगा।
वाजपेयी और मोदी से रहे अच्छे संबंध
90 के दशक में जब वाजपेयी सरकार थी तो परमाणु विस्फोट के बाद नवाज शरीफ ने शांति की पहल की थी। तब वाजपेयी लाहौर गए थे और दोस्ती के नए युग की शुरुआत की थी। लेकिन तभी कारगिल युद्ध हुआ और नवाज शरीफ को घुटने टेकने पड़े। इसके बाद से संबंधों में दरार आ गई। 2014 में मोदी सरकार आई तो नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया। मोदी खुद पाकिस्तान गए और शरीफ परिवार की शादी में कुछ देर के लिए मेहमान बने। इसके बाद से आतंकवादियों की करतूतों के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध बिगड़ गए। बाद में इमरान सरकार आई, लेकिन भारत ने अपना रुख सख्त रखा। शहबाज शरीफ की सरकार के प्रति भी भारत का रवैया सख्त ही रहा है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर पाकिस्तान का विरोध रहा। इसलिए दोनों देशों के संबंध कभी सुधर नहीं पाए।