जुलाई में मानसून की अच्छी बारिश के बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगस्त और सितंबर के लिए अपनी भविष्यवाणी जारी कर दी है। यह पूर्वानुमान किसानों और आम लोगों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
अगस्त और सितंबर में ‘सामान्य से अधिक’ बारिश:
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, मानसून के दूसरे चरण यानी अगस्त और सितंबर में देशभर में “सामान्य से अधिक” बारिश होने की प्रबल संभावना है। उन्होंने बताया कि अगस्त में बारिश सामान्य रहेगी, जबकि सितंबर में “सामान्य से अधिक” बारिश हो सकती है। कुल मिलाकर, दक्षिण-पश्चिम मानसून के दूसरे चरण में देशभर में सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है।
क्षेत्रीय भिन्नताएं:
हालांकि, इस पूर्वानुमान में कुछ क्षेत्रीय भिन्नताएं भी हैं।
- पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी भारत: इन क्षेत्रों में, विशेष रूप से पूर्वोत्तर में, सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। यह पिछले पांच वर्षों से चली आ रही प्रवृत्ति के अनुरूप है, जहां इन क्षेत्रों में मानसून की बारिश कम हो रही है।
- मध्य भारत और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्से: इन क्षेत्रों में भी कुछ जगहों पर सामान्य से कम बारिश हो सकती है।
- शेष भारत: देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।
कृषि और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
मानसून का दूसरा चरण खरीफ फसलों जैसे चावल और दालों के लिए महत्वपूर्ण है। आईएमडी के इस पूर्वानुमान से किसानों और नीति-निर्माताओं को राहत मिलेगी, क्योंकि यह कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। हालांकि, क्षेत्रीय असमानताओं को देखते हुए, कुछ राज्यों को अपनी तैयारियों को मजबूत करना होगा।


