पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देना मोदी सरकार के लिए जरूरी भी है तो कई कारणों से एक बड़ी चुनौती है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब भारत पहले से ही कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। सरकार पर जवाबी कार्रवाई का भारी दबाव है, लेकिन उसे यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसकी प्रतिक्रिया से स्थिति और न बिगड़े। पीएम मोदी 3 बार यह दोहरा चुके हैं कि आतंकियों को करारा जवाब मिलेगा। ऐसे में यह भी तय है कि भारत की ओर से कार्रवाई तो होगी, लेकिन समय और सेना और सरकार ही तय करेगी।
ये हैं प्रमुख चुनौतियां
- पाकिस्तान से संबंध : इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और खराब कर दिया है। पाकिस्तान पर आतंकवादियों को समर्थन देने के आरोप हैं, लेकिन पाकिस्तान इससे इंकार करता रहा है। भारत के लिए यह सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है कि जवाबी कार्रवाई से दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध न छिड़ जाए।
- अंतर्राष्ट्रीय दबाव : भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है, जो क्षेत्र में शांति बनाए रखने का आह्वान कर रहा है। भारत को अपनी सैन्य कार्रवाई को सही ठहराना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का उल्लंघन न करे।
- आंतरिक राजनीतिक दबाव : सरकार पर घरेलू राजनीतिक दबाव भी बढ़ रहा है। विपक्ष और जनता दोनों ही सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सरकार को अपनी सैन्य प्रतिक्रिया को इस तरह से संतुलित करना होगा कि वह जनता की अपेक्षाओं को पूरा करे और साथ ही क्षेत्रीय स्थिरता को भी बनाए रखे।
- आतंकवादी नेटवर्क : आतंकवादियों का नेटवर्क जटिल है और यह सीमा पार फैला हुआ है। भारत के लिए यह सुनिश्चित करना एक चुनौती है कि उसकी जवाबी कार्रवाई सिर्फ आतंकवादियों को लक्षित करे और नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचाए।
- पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव : पहलगाम, जम्मू-कश्मीर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस हमले से क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी प्रतिक्रिया से पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर और नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
रूस और इजरायल खुद युद्ध में फंसे
मोदी सरकार को इन चुनौतियों का सामना करते हुए एक मजबूत और संतुलित प्रतिक्रिया देनी होगी। उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी कार्रवाई से आतंकवादियों को एक स्पष्ट संदेश जाए, लेकिन साथ ही क्षेत्रीय शांति और स्थिरता भी बनी रहे। इसके साथ ही भारत के दो अभिन्न मित्र रूस और इजरायल खुद युद्ध में फंसे हैं। ऐसे में भारत को पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना होगा तो चीन को भी उसकी हद में रखना होगा।