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    ऐसा लग रहा बच्चे की तरह चलना सीख रहा हूं..अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का संदेश

    भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और गगनयान मिशन के लिए चुने गए पहले बैच के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला संदेश भेजा है। एक्सिओम स्पेस मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर बढ़ रहे शुभांशु शुक्ला ने अपने वीडियो संदेश में देशवासियों को ‘नमस्कार’ कहा और अपने अनोखे अनुभव साझा किए।

    शुभांशु शुक्ला ने कहा, “अंतरिक्ष से आप सभी को मेरा नमस्कार! यहाँ का अनुभव अविश्वसनीय है। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं एक छोटे बच्चे की तरह चलना सीख रहा हूँ।” उनका यह बयान अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण होने वाले शुरुआती अनुभवों को दर्शाता है, जहाँ शरीर को गुरुत्वाकर्षण की कमी के वातावरण में ढलने में समय लगता है।

    बुधवार, 25 जून को स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से उड़ान भरने वाले शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के पायलट के रूप में इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा हैं। यह मिशन न केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि 41 साल बाद किसी भारतीय का अंतरिक्ष में जाना भी एक महत्वपूर्ण क्षण है। अब तक राकेश शर्मा 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे।

    शुक्ला ने अपने संदेश में अंतरिक्ष से पृथ्वी के मनमोहक दृश्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे वह 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं और उनके कंधे पर हमेशा तिरंगा उनके साथ है। उनका यह संदेश भारत की अंतरिक्ष शक्ति और महत्वाकांक्षाओं का प्रमाण है, और यह गगनयान जैसे भविष्य के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों के लिए भी महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा। यह 14 दिवसीय मिशन है, जिसमें शुभांशु शुक्ला ISS पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करेंगे, जिनमें भारतीय माइक्रोग्रैविटी एक्सपेरिमेंट भी शामिल हैं।

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