मध्य पूर्व में आज उस समय एक बड़ा भू-राजनीतिक भूकंप आ गया, जब इजरायल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसमें ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई। ईरान के सरकारी मीडिया ने सलामी की मौत की पुष्टि की है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुँच गया है।
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने आज सुबह “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इजरायल का दावा है कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी बढ़ती सैन्य क्षमताओं से उत्पन्न खतरे को देखते हुए एक “पूर्वव्यापी कार्रवाई” थी। तेहरान और इस्फहान सहित कई ईरानी शहरों में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं, जिससे राजधानी में दहशत का माहौल बन गया। इजरायल का कहना है कि ईरान इतनी मात्रा में यूरेनियम संवर्धित कर चुका है कि वह कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने में सक्षम है।
जनरल हुसैन सलामी की मौत को ईरान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह IRGC के प्रमुख के रूप में ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और क्षेत्रीय अभियानों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। उनकी मौत के बाद ईरान ने इजरायल को “कठोर और निर्णायक” जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। इजरायल ने भी अपनी सीमाओं पर आपातकाल की घोषणा कर दी है, यह आशंका जताते हुए कि ईरान मिसाइल और ड्रोन से जवाबी हमला कर सकता है।
इस घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। वैश्विक तेल बाजारों में भी कीमतों में उछाल देखा गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना मध्य पूर्व को एक बड़े और अनिश्चित संघर्ष की ओर धकेल सकती है।


