इजरायल ने आज सुबह ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा और विनाशकारी हवाई हमला किया, जिसमें 200 से अधिक लड़ाकू विमानों ने 100 से ज्यादा ईरानी सैन्य और परमाणु ठिकानों पर 330 से अधिक बम गिराए। इस हमले में इजरायल के अत्याधुनिक F-35 स्टील्थ फाइटर जेट और F-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया, जिसने ईरान की वायु रक्षा प्रणालियों को पूरी तरह से चकमा देते हुए भारी तबाही मचाई।
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने पुष्टि की है कि यह “ऑपरेशन आयरन फ़िस्ट” था, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम और उसकी क्षेत्रीय सैन्य क्षमताओं को निर्णायक रूप से कमजोर करना था। हमलों का दायरा तेहरान, इस्फहान, शिराज और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य व परमाणु सुविधाओं तक फैला हुआ था। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कई शीर्ष कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की खबरें हैं, जिनमें IRGC चीफ हुसैन सलामी भी शामिल हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
जोरदार धमाकों से थर्रा उठा तेहरान
हमले की तीव्रता इतनी अधिक थी कि तेहरान में कई जोरदार धमाकों से शहर थर्रा उठा। ईरान के सरकारी मीडिया ने भी व्यापक नुकसान की खबरें दी हैं, हालांकि विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। इजरायल का दावा है कि उन्होंने ईरान के परमाणु संवर्धन स्थलों, मिसाइल उत्पादन इकाइयों, ड्रोन अड्डों और वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया। इस विनाशकारी हमले के बाद मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। ईरान ने इजरायल को “अभूतपूर्व और निर्णायक” जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। अमेरिका ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ते संघर्ष को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है। यह हमला क्षेत्र को एक बड़े युद्ध की ओर धकेल सकता है।