दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसके तार सीधे तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े हुए हैं। इस गिरोह का मुख्य मकसद ड्रोन के जरिए भारत में हाई-एंड हथियार सप्लाई करना था। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई को ISI समर्थित अंतर्राष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
फिल्मी स्टाइल में हो रही थी हथियारों की सप्लाई
- गिरोह सीमा पार से हथियारों को ड्रोन के माध्यम से भारत में भेज रहा था, जो किसी फिल्म की साज़िश जैसा प्रतीत होता है।
- हथियारों की यह खेप, जिसे पुलिस ने “मौत का खिलौना” बताया, पंजाब और जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में गिराई जाती थी।
- गिरोह के सदस्य वहाँ से इन खेपों को उठाकर दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर और आपराधिक समूहों तक पहुँचाते थे।
- खुफिया एजेंसियों को चकमा देने के लिए हथियार कार्बन-कोटेड सामग्री में लपेटे जाते थे ताकि वे स्कैनर और थर्मल डिटेक्टर की पकड़ में न आ सकें।
- जाँच से यह भी पता चला है कि इस नेटवर्क में डबल-ड्रोन सिस्टम का उपयोग किया जा रहा था – एक ड्रोन हथियार गिराता था जबकि दूसरा डमी ड्रोन सुरक्षा बलों को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल होता था।
बरामद किए गए स्पेशल फोर्स ग्रेड के हथियार
पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े चार मुख्य तस्करों (जिनकी पहचान मंदीप, दलविंदर, रोहन और अजय के रूप में हुई है) को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 10 उच्च तकनीकी सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 92 ज़िंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। बरामद हथियारों में तुर्किए निर्मित PX-5.7 और चीन निर्मित PX-3 पिस्तौलें शामिल हैं। ये हथियार आमतौर पर केवल स्पेशल फोर्सेज और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं, जो इस साज़िश की गंभीरता को दर्शाता है।
ISI और फंडिंग कनेक्शन
पुलिस के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क का संचालन ISI के सीधे मार्गदर्शन में किया जा रहा था। जाँच में सामने आया है कि हथियारों की खरीद और तस्करी का पेमेंट हवाला चैनलों के माध्यम से किया जाता था। यह गिरोह दिल्ली के कुख्यात गोगी और कपिल सांगवान जैसे गिरोहों को हथियार सप्लाई कर रहा था।


