राजस्थान इंटेलिजेंस ने जैसलमेर निवासी पठान खान को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे करीब एक महीने पहले हिरासत में लिया गया था और तब से उससे पूछताछ की जा रही थी। उसे औपचारिक रूप से 1 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया। इंटेलिजेंस की ओर से बताया गया कि पठान खान 2013 में पाकिस्तान गया था, जहां वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के संपर्क में आया। पाकिस्तान में उसे पैसों का लालच दिया गया और जासूसी का प्रशिक्षण दिया गया। 2013 के बाद भी वह वहां जाकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से मिलता रहा और जैसलमेर अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी संवेदनशील और गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ साझा करता रहा।
संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी
राजस्थान इंटेलिजेंस को पठान खान के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने की जानकारी लगी थी। इंटेलिजेंस अधिकारियों को पठान खान की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिलते ही उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में पठान खान ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि वह आईएसआई के संपर्क में था और उन्हें भारत की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं भेज रहा था। बताया जा रहा है कि पठान खान सीमावर्ती क्षेत्र में रहता था, जिससे उसके लिए संवेदनशील जानकारी तक पहुंच आसान थी।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण सफलता
राजस्थान इंटेलिजेंस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पठान खान ने आईएसआई को कौन-कौन सी सूचनाएं दी हैं और इस जासूसी नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं। उसकी गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय जासूसी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। पठान खान के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और उससे आगे की पूछताछ जारी है। इस घटना ने एक बार फिर सीमावर्ती क्षेत्रों में जासूसी की गतिविधियों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं और सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया है।