बांग्लादेश की तरह बलूचिस्तान भी पाकिस्तान के हाथों से फिसल रहा है। जिस तरह 70 के दशक में बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हुआ था, वहीं हाल अब बलूचिस्तान के हैं। पाकिस्तान के शिकंजे से बलूचिस्तान फिसलने लगा है और यहां के मौजूदा हालात काफी खतरनाक हो गये हैं। बलूचिस्तान के हजारों लोग सडक़ों पर उतर आए हैं और पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान की सेना विद्रोह को कुचलने के लिए क्रूरता और हैवानियत पर उतर आई है और छोटे बच्चों को पाकिस्तानी सेना गोली मारकर हत्या कर रही है। बलूचिस्तान की सबसे बड़ी नेता माने जाने वाली महरंग बलूच को पाकिस्तानी फौज ने अगवा कर लिया है। उनकी रिहाई की मांग को लेकर बलूचिस्तान के दर्जनों शहर में प्रदर्शन हो रहे हैं। तुर्बत शहर पर बलूच विद्रोहियों का कब्जा हो गया है। तुर्बत के अलावा भी कुछ और शहरों पर बलूच विद्रोहियों के कब्जे की खबर है। कई हाईवे को बलूच विद्रोहियों ने बंद कर दिया है। ये सब खबरें चीन को टेंशन में डाल रही हैं, क्योंकि उसने यहां तगड़ा निवेश किया है। अब हालात बिगडऩे से उसे तगड़ा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
भारी पड़ रहे बलूच विद्रोही
बलूच फ्रीडम फाइटर्स, पाकिस्तान से आजादी हासिल करके ही दम लेते दिख रहे हैं। विद्रोहियों के दो अलग-अलग भीषण हमलों में कम से कम 8 लोग मारे गए हैं और 17 लोग घायल हुए हैं। मारे जाने वाले ज्यादातर लोग पाकिस्तानी सेना के जवान और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लोग हैं। बलूच विद्रोही चुन-चुनकर पाकिस्तानी पंजाब के लोगों को मार रहे हैं। पंजाब के लोग बलूचिस्तान से भाग रहे हैं। गुरुवार को बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के बारेच मार्केट इलाके में एक पुलिस वाहन को धमाके में उड़ा दिया गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है।
हालात बेबाबू हुए
बलूच विद्रोहियों ने ग्वादर जिले में एक यात्री बस से पंजाब के रहने वाले 6 लोगों को उतारकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। बलूच विद्रोहियों ने पंजाब के रहने वाले 3 लोगों को अगवा भी कर लिया है। ग्वादर के पिसनी शहर में भी कई धमाके किए गये हैं, जहां चीन अपना सीपीईसी प्रोजेक्ट चला रहा है। कराची शहर को बलूचिस्तान की राजधानी से जोडऩे वाले नेशनल हाईवे मश्तून पर भी बलूच विद्रोहियों का कब्जा हो गया है। हाईवे की नाकेबंदी कर दी गई है।
भारत से मदद की आस
पाकिस्तान भारत पर बलूचिस्तान में अशांति का आरोप लगा रहा है, जबकि बलूचों का कहना है कि उन्हें भारत से कोई मदद नहीं मिल रही है। बलूस नेताओं ने भारत से मदद का आह्वान किया है। पाकिस्तान के भी कई लोग अब बलूचों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के जुल्म के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।