More
    HomeHindi NewsBusinessईरान की होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने धमकी.. चीन और भारत पर...

    ईरान की होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने धमकी.. चीन और भारत पर कितना असर, क्या हैं विकल्प?

    ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के बाद, ईरान ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने की धमकी दी है। यह धमकी वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है, खासकर चीन और भारत जैसे देशों के लिए जो अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए इस जलमार्ग पर अत्यधिक निर्भर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के लिए भी होर्मुज को पूरी तरह बंद करना नुकसानदायक होगा, क्योंकि वह खुद भी अपने तेल निर्यात के लिए इसी मार्ग पर निर्भर है। हालांकि, मौजूदा तनावपूर्ण माहौल में इस तरह की धमकियां वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का कारण बनी हुई हैं।

    ईरान ने यह धमकी अमेरिका द्वारा उसके परमाणु स्थलों पर किए गए हमलों के जवाब में दी है। ईरान का मानना है कि अमेरिका उसे अपने तेल निर्यात से वंचित करने की कोशिश कर रहा है, और होर्मुज को बंद करना उसके पास एक शक्तिशाली जवाबी कार्रवाई का विकल्प है। यह धमकी पहले भी कई बार दी जा चुकी है, खासकर जब ईरान पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए गए थे।

    चीन पर असर: होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने का चीन पर गहरा असर पड़ेगा। चीन ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है और अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा इसी मार्ग से आयात करता है। यदि यह जलमार्ग बंद होता है, तो चीन को तेल और गैस के लिए वैकल्पिक और अधिक महंगे रास्ते तलाशने होंगे, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा और ऊर्जा संकट गहरा सकता है। चीन, अपनी आर्थिक स्थिरता के लिए तेल की कीमतों में वृद्धि नहीं चाहता और वह ईरान को ऐसा करने से रोकने के लिए अपने आर्थिक दबाव का इस्तेमाल कर सकता है।

    भारत पर असर: भारत के लिए भी यह स्थिति चिंताजनक है। भारत अपने कच्चे तेल (क्रूड) के आयात का लगभग 45-50% और प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात का लगभग 60% इसी होर्मुज जलडमरूमध्य से करता है। अगर यह रास्ता बंद होता है, तो भारत में तेल और गैस की कीमतों में भारी उछाल आएगा, जिससे पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस महंगी हो जाएगी। इससे महंगाई बढ़ेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ेगा, साथ ही भुगतान संतुलन भी प्रभावित होगा।

    क्या हैं विकल्प? होर्मुज जलडमरूमध्य के लिए कुछ सीमित विकल्प मौजूद हैं, लेकिन वे अपर्याप्त हैं:

    1. पाइपलाइनें: सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के पास कुछ पाइपलाइनें हैं जो होर्मुज को दरकिनार कर तेल का निर्यात कर सकती हैं। हालांकि, इन पाइपलाइनों की कुल क्षमता सीमित है (लगभग 2.6 मिलियन बैरल प्रति दिन), जो होर्मुज से गुजरने वाले कुल तेल के मुकाबले बहुत कम है।
    2. अन्य शिपिंग मार्ग: लंबी और अधिक महंगी समुद्री यात्राएं ही एकमात्र अन्य विकल्प होंगी, जिसमें अफ्रीकी महाद्वीप के चारों ओर घूमना शामिल होगा, जिससे शिपिंग लागत और समय दोनों में भारी वृद्धि होगी।
    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments