मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है, इजरायल के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों के जवाब में ईरान ने शुक्रवार, 13 जून 2025 को इजरायल पर दो चरणों में 150 से अधिक मिसाइलें दागीं। इन हमलों के बाद इजरायल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। इजरायल के हवाई हमलों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने के बाद, ईरान ने “ट्रू प्रॉमिस III” नामक एक जवाबी कार्रवाई शुरू की। ईरानी मीडिया के अनुसार, इन मिसाइल हमलों का मुख्य लक्ष्य इजरायल का वाणिज्यिक केंद्र तेल अवीव था, और ईरान ने दावा किया कि उसने इजरायल के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को भी निशाना बनाया।
इजरायली शहरों, विशेषकर तेल अवीव और यरुशलम में हवाई हमले के सायरन बजने लगे और जोरदार धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। इजरायली सेना ने बताया कि उसकी आयरन डोम रक्षा प्रणाली ने अधिकांश मिसाइलों को रोक दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें इजरायली क्षेत्र में गिरीं, जिससे कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा और कम से कम 40 लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि उन्होंने इजरायल की ओर आ रही कुछ ईरानी मिसाइलों को गिराने में मदद की।
युद्ध की आशंकाओं को बढ़ाया
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के हमलों को “महान अपराध” बताते हुए “कठोर सजा” की चेतावनी दी थी, और कहा था कि ईरान का जवाब “आधा-अधूरा” नहीं होगा। वहीं, इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनका सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान के खतरे को पूरी तरह से समाप्त नहीं कर दिया जाता। इस नई बढ़ोतरी ने क्षेत्र में पूर्ण युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह कर रहा है।