भारतीय महिला टीम की अनुभवी बल्लेबाज जेमिमा रॉड्रिग्ज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारत को जीत दिलाने के बाद भावुक हो गईं और अपने आंसू नहीं रोक सकीं। जेमिमा की शानदार पारी के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। अब भारत का मुकाबला रविवार को खिताबी मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका से होगा। जेमिमा सेमीफाइनल में शतक (नाबाद 127 रन) लगाकर लौटीं और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
ऐतिहासिक जीत
- लक्ष्य: ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.5 ओवर में 338 रन बनाए थे।
- भारतीय पारी: जवाब में भारत ने 48.3 ओवर में पांच विकेट पर 341 रन बनाकर मैच जीता।
- मुख्य साझेदारी: जेमिमा ने शतक लगाया और कप्तान हरमनप्रीत के साथ तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की साझेदारी की। उन्होंने 134 गेंदों पर 14 चौकों की मदद से 127 रन बनाकर नाबाद रहीं।
- रिकॉर्ड: भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में अजेय बनी हुई ऑस्ट्रेलिया की टीम के विजयी अभियान को रोक दिया।
मैच के बाद जेमिमा ने ईश्वर को धन्यवाद दिया
जेमिमा ने अपनी शानदार पारी के लिए सबसे पहले ईश्वर को धन्यवाद दिया और कहा कि वह यह अपने दम पर नहीं कर सकती थीं। उन्होंने अपनी माँ, पापा, कोच और उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन पर विश्वास किया। न्होंने बताया, “पिछले चार महीने वाकई बहुत मुश्किल थे,” लेकिन अभी भी यह सपने जैसा लग रहा है।
- पिछली बार विश्व कप टीम से बाहर होने पर: जेमिमा ने खुलासा किया कि पिछली बार उन्हें विश्व कप टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। इस बार टीम में आने के बाद उन्होंने अच्छी फॉर्म में होने के बावजूद, चीजें उनके नियंत्रण से बाहर होती रहीं। उन्होंने कहा, “इस पूरे दौरे में मैं लगभग हर दिन रोई हूँ। मानसिक रूप से मैं ठीक नहीं थी, बहुत चिंता में थी।” ड्रॉप होना उनके लिए एक चुनौती थी, लेकिन उन्हें लगा कि उन्हें बस उपस्थित रहना था और ईश्वर ने बाकी सब संभाल लिया।
रणनीति और फोकस का खुलासा
- जेमिमा से जब तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें मैदान में प्रवेश करने से ठीक पहले पता चला कि वह नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने जा रही हैं। उन्होंने कहा, “यह खुद को साबित करने के लिए नहीं था। यह सिर्फ भारत के लिए यह मैच जीतने के लिए था, क्योंकि हम हमेशा कुछ खास परिस्थितियों में हार जाते थे।” उन्होंने कहा, “आज मेरा अर्धशतक या शतक लगाने का जश्न मनाने का दिन नहीं था, बल्कि आज भारत को जीत दिलाने का दिन था।”
- जेमिमा ने कहा, “आप खुद अपनी किस्मत बनाते हैं।” भारतीय बल्लेबाज ने बताया कि आखिर में, जब उनकी ऊर्जा खत्म हो गई थी, तो वह बस बाइबल का एक वचन दोहरा रही थीं, जिसमें कहा गया है, “बस शांत खड़ी रहो और ईश्वर तुम्हारे लिए लड़ेंगे।” जीत के बाद अपनी भावनाओं को न रोक पाने पर जेमिमा ने कहा, “यह वाकई बहुत मुश्किल था लेकिन मैंने मैच खत्म होने तक शांत रहने की कोशिश की और आखिर में यह देखकर कि आखिरकार भारत ने मैच जीत लिया है, मैं खुद को रोक नहीं पाई।”
टीम के साथियों का सहयोग
- उन्होंने बताया कि हरमनप्रीत के आने पर उन्होंने सिर्फ एक साझेदारी करने की बात की। उन्होंने कहा कि जब उन्हें दिक्कत हो रही थी, तो ऋचा, दीप्ति और अमनजोत सहित सभी साथी खिलाड़ी लगातार उनसे बात कर रहे थे और हौसला दे रहे थे। जेमिमा ने कहा कि वह इसका कोई श्रेय नहीं ले सकतीं क्योंकि उनके साथी खिलाड़ियों ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नवी मुंबई को अपने लिए हमेशा खास बताते हुए बड़ी संख्या में आकर समर्थन देने वाले सभी प्रशंसकों को धन्यवाद दिया, जिनके हर रन पर चीयर करने से उन्हें जोश मिला।

