भारत और अमेरिका के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौते पर 25 जून 2025 तक सहमति बनने की प्रबल संभावना है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में नई गति आने की उम्मीद है। इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिकी अधिकारियों का एक दल अगले महीने भारत का दौरा कर सकता है। सूत्रों ने बताया कि दोनों देश प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पहली किस्त से पहले इस अंतरिम समझौते पर विचार कर रहे हैं। इस बात पर जोर दिया गया है कि बातचीत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है और चीजें पटरी पर हैं।
यह समझौता ऐसे समय में होने जा रहा है जब अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया 26 प्रतिशत प्रतिशोधात्मक टैरिफ वर्तमान में 9 जुलाई तक के लिए निलंबित है। अमेरिका ने यह टैरिफ 2 अप्रैल 2025 को लगाया था, लेकिन बाद में इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। हालांकि भारतीय सामानों पर अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ अभी भी लागू है। भारत इस अंतरिम समझौते में अमेरिका से इन शुल्कों में पूरी छूट की मांग कर रहा है। पिछले सप्ताह भारत के मुख्य वार्ताकार एवं वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने अपनी चार दिवसीय वॉशिंगटन यात्रा पूरी की थी, जिसके बाद से इस समझौते को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं।
दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को फायदा
अमेरिका ने इस बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जाहिर की है। दोनों व्यापारिक साझेदारों का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। यदि यह अंतरिम समझौता तय समय पर हो जाता है, तो यह दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार समझौते के लिए आधार तैयार करेगा और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा। यह कदम न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि वैश्विक व्यापार में भी सकारात्मक संदेश देगा।