उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन परिवारवादी दलों से आप क्या उम्मीद करते हैं? ये केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। चाहे कांग्रेस हो, नेशनल कॉन्फ्रेंस हो या समाजवादी पार्टी इनका कोई राष्ट्रीय एजेंडा नहीं है। एक तरफ ये गठबंधन राष्ट्र नायकों का अपमान करता है तो दूसरी तरफ माफिया और आतंकी तत्वों को प्रोत्साहित करता है। अभी कुछ दिन पहले एक कुख्यात माफिया की मौत हुई तो उसके मरने पर संवेदना व्यक्त करने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जाते हैं। जब राम जन्मभूमि का आंदोलन चल रहा था, तब राम भक्तों के साथ इनका व्यवहार कैसा था? राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की मूर्ति के साथ जिस तरह अपमानजनक और अवमाननापूर्ण व्यवहार समाजवादी पार्टी के नेताओं का था, वह निंदनीय है। महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने भी यही किया था, वहां उन्हें उनका एक समर्थक छत्रपति शिवाजी की मूर्ति दे रहा था, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इंकार कर दिया। ये राष्ट्रनायक का सम्मान नहीं आतंकियों, पाकिस्तान का महिमामंडन करेंगे।
आरक्षण को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 1994 में जो ओबीसी आरक्षण दिया गया था, प्रधानमंत्री उसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। हमने धर्म को आधार नहीं बनाया था। आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के मद्देनजर हमने आरक्षण दिया था। 1994 के बाद कर्नाटक में भाजपा के 4 मुख्यमंत्री रहे हैं। 10 साल तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेय 6 साल तक प्रधानमंत्री रहे हैं और ये मुद्दा 30 साल के बाद उठा है। केंद्र की जो ओबीसी सूची है उसमें कुछ मुसलमान जातियों को भी शामिल किया गया है और आज प्रधानमंत्री खुद उसका श्रेय ले रहे हैं। 19 अप्रैल से प्रधानमंत्री के पास एक ही मुद्दा है। वे जानते हैं कि दक्षिण भारत में साफ-उत्तर भारत में हाफ, लेकिन झूठ का जवाब वोट से ही मिलेगा।