Success Story : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) 2024 की परीक्षा में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) के पद पर चयनित वर्षा पटेल की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उनकी यह सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उनके दृढ़ निश्चय और परिवार के अटूट समर्थन की भी कहानी है।
बचपन का सपना और संघर्ष
मैहर की रहने वाली वर्षा का बचपन से ही एक अधिकारी बनने का सपना था, लेकिन उनके रास्ते में कई चुनौतियाँ आईं। 2015 में पिता के निधन के बाद, उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। परिवार को दमोह छोड़कर मैहर आना पड़ा। इन मुश्किल हालात के बावजूद, वर्षा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अपने लक्ष्य से कभी पीछे नहीं हटीं।
पति का समर्पण और सहयोग
2017 में वर्षा की शादी संजय पटेल से हुई, जो वाराणसी में एक अच्छी नौकरी कर रहे थे। संजय ने अपनी नौकरी छोड़कर पत्नी के सपने को साकार करने का फैसला किया। उन्होंने वर्षा को बेहतर तैयारी के लिए इंदौर भेजा और खुद उनके साथ रहे। कई सालों तक वर्षा को सफलता नहीं मिली, लेकिन उनके पति का साथ कभी नहीं छूटा।
‘सुपर मॉम’ का असाधारण संघर्ष
साल 2024 की परीक्षा वर्षा के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती लेकर आई। इस दौरान वह गर्भवती थीं। 22 जुलाई 2025 को उन्होंने अपनी बेटी श्रीजा को जन्म दिया। सिर्फ 26 दिन बाद, यानी 18 अगस्त को उनके इंटरव्यू की तारीख थी। ऑपरेशन के बाद भी घाव पूरी तरह ठीक नहीं हुए थे, लेकिन वर्षा ने हिम्मत नहीं हारी। वह अपनी नवजात बेटी को गोद में लेकर इंटरव्यू देने पहुंचीं, जो उनके समर्पण का सबसे बड़ा उदाहरण है।
सफलता और ‘सुपर मॉम’ की पहचान
उनकी मेहनत रंग लाई और 12 सितंबर 2025 को जब परिणाम घोषित हुआ, तो वर्षा पटेल ने DSP के पद पर शानदार सफलता हासिल की। सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया। आज उनके इस असाधारण संघर्ष और हिम्मत के लिए लोग उन्हें ‘सुपर मॉम’ कहकर बुला रहे हैं।
वर्षा पटेल की कहानी यह सिखाती है कि अगर आपके पास अटूट हौसला और परिवार का साथ हो, तो कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों, कोई भी सपना असंभव नहीं है।