क्रिकेट के मैदान पर अपना करियर बनाने का सपना देखने वाले संदीप जांगला ने चोट के कारण जब अपना रास्ता बदला, तो उन्हें महज तीन साल में ही एक 100 करोड़ रुपये का सफल ब्रांड बनाने में सफलता मिली। उनके ब्रांड का नाम ‘यमी बी’ (Yummy Bee) है, जो लोगों को स्वस्थ और स्वादिष्ट भोजन प्रदान करने पर केंद्रित है।
क्रिकेट से कारोबार तक का सफर
संदीप जांगला का क्रिकेट के प्रति जुनून बचपन से ही था। उन्होंने 10 साल की उम्र में खेलना शुरू किया और अंडर-19 साउथ जोन टीम का हिस्सा भी रहे, जहां उन्हें अश्विन, जडेजा, रायडू और दिनेश कार्तिक जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला। उनका सपना भारत के लिए खेलना था, लेकिन इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में लगी एक गंभीर चोट ने उनके इस सपने को तोड़ दिया।
इस घटना के बाद संदीप ने हार नहीं मानी, बल्कि समाज में योगदान देने के लिए एक नया रास्ता चुना। उन्होंने महसूस किया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसी सोच के साथ उन्होंने अपनी पत्नी सोनिया लांबा के साथ मिलकर ‘यमी बी’ की शुरुआत की।
‘यमी बी’: एक अनोखा बिजनेस मॉडल
यमी बी सिर्फ एक फूड ब्रांड नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो लोगों का हेल्दी फूड के प्रति नजरिया बदलना चाहता है। संदीप का मानना है कि हेल्दी फूड भी स्वादिष्ट हो सकता है। उनकी कंपनी ऐसे उत्पाद बनाती है जिनमें चीनी, मैदा/ग्लूटेन और प्रिजर्वेटिव बिल्कुल नहीं होते हैं।
उनका बिजनेस मॉडल दोहरे तरीके से काम करता है:
- कैफे चेन: वे स्टारबक्स की तरह एक कैफे का माहौल देते हैं, जहां लोग बैठ कर ताज़ा और स्वस्थ भोजन का आनंद ले सकते हैं।
- कंज्यूमर पैक्ड गुड्स (CPG): वे हल्दीराम जैसे बड़े ब्रांड की तरह पैक्ड फूड भी बनाते हैं, जो ग्राहकों के लिए सुविधाजनक है।
कंपनी की सह-संस्थापक सोनिया लांबा का लक्ष्य अगले पांच सालों में यमी बी को देश का सबसे बड़ा ‘गिल्ट-फ्री’ ब्रांड बनाना है।
शानदार रेवेन्यू ग्रोथ
संदीप ने अपनी शुरुआत 1 करोड़ रुपये के निवेश से एक क्लाउड किचन के साथ की। लोगों से मिले सकारात्मक प्रतिसाद के बाद उन्होंने धीरे-धीरे कई आउटलेट खोले।
कंपनी का रेवेन्यू ग्रोथ काफी प्रभावशाली रहा है:
- FY 2022-23: 44 लाख रुपये
- FY 2023-24: 3.95 करोड़ रुपये
- FY 2024-25: 8.18 करोड़ रुपये
अब उनकी योजना हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में स्टोर खोलकर और CPG बिजनेस का विस्तार करके सालाना 50 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने की है। संदीप जांगला की यह कहानी हमें सिखाती है कि बाधाएं सिर्फ दिशा बदलने का संकेत होती हैं, सफलता के रास्ते को रोकने का नहीं।