भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 साल के इतिहास पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट किया है। अपनी पोस्ट में उन्होंने आरएसएस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें अंग्रेजों की मुखबिरी, तिरंगे और संविधान का तिरस्कार, और धार्मिक व सामाजिक समूहों के खिलाफ साजिश शामिल है।
खेड़ा ने दावा किया कि आरएसएस ने अपने 100 साल के इतिहास को चार 25-साल के खंडों में बांटा है:
- 25 साल अंग्रेजों की मुखबिरी: खेड़ा ने आरोप लगाया कि आरएसएस ने ब्रिटिश शासन के दौरान मुखबिर के रूप में काम किया।
- 25 साल तिरंगे और संविधान का तिरस्कार: उन्होंने कहा कि आरएसएस ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज और संविधान का सम्मान नहीं किया।
- 25 साल मंदिर-मस्जिद के झगड़े: खेड़ा ने आरएसएस पर धार्मिक विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया।
- 25 साल दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश: उन्होंने कहा कि आरएसएस ने समाज के वंचित वर्गों के खिलाफ साजिशें रचीं।
खेड़ा ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने लाल किले से इस संगठन का नाम लेकर भारत के संविधान और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब आरएसएस अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।
यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस ने आरएसएस की आलोचना की है। हालांकि, इस तरह के सीधे और गंभीर आरोप राजनीति में एक नया विवाद पैदा कर सकते हैं। बीजेपी और आरएसएस की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।