भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बड़ा और सनसनीखेज दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हमला करने के लिए ब्रिटेन की सरकार के साथ मिलकर काम किया था। दुबे के इस बयान ने देश की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है और कांग्रेस पर तीखे हमले किए जा रहे हैं।
दुबे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “कांग्रेस हमेशा ऑपरेशन ब्लू स्टार को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताती रही है, लेकिन अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह सिर्फ एक आंतरिक फैसला नहीं था। इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर के साथ मिलकर इस सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई थी।
दुबे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 1984 में स्वर्ण मंदिर पर इंदिरा गांधी जी ने आक्रमण ब्रिटेन के साथ मिलकर किया। ब्रिटेन की सेना के अधिकारी उस वक़्त अमृतसर में मौजूद थे। कांग्रेस के लिए सिख समुदाय केवल खिलौना मात्र है। पाकिस्तान को अंततः 1960 में करतारपुर साहिब दिया, समझौता सरदार स्वर्ण सिंह जी ने किया। स्वर्ण मंदिर पर 1984 के आक्रमण और निर्दोष श्रद्धालुओं को मारने के समय राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह जी को बनाया। 1984 के सिखों के कत्लेआम को छुपाने तथा वरिष्ठ नेताओं एच के एल भगत, जगदीश टाइटलर, सज्जन कुमार को बचाने के लिए 2004 में मनमोहन सिंह जी को कठपुतली प्रधानमंत्री बनाया देश को बेचने और विदेशी के सामने सरेंडर की कहानी जारी है।”
ऑपरेशन ब्लू स्टार जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे खालिस्तानी आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा की गई एक सैन्य कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे और स्वर्ण मंदिर को भी भारी नुकसान हुआ था। इस घटना के बाद देश भर में सिख विरोधी भावनाएं भड़क उठी थीं, जिसकी परिणति अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के रूप में हुई थी।
कांग्रेस पार्टी ने निशिकांत दुबे के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘झूठा और मनगढ़ंत’ बताया है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा, “बीजेपी अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का काम कर रही है। यह इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने की सोची-समझी साजिश है।”
इस दावे पर ब्रिटेन सरकार या उनके किसी पूर्व अधिकारी की तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बहरहाल, निशिकांत दुबे के इस बयान ने एक बार फिर ऑपरेशन ब्लू स्टार के जख्मों को कुरेद दिया है और आगामी दिनों में इस पर राजनीतिक घमासान और तेज होने की संभावना है।