इंडिगो एयरलाइंस के देश भर में चल रहे परिचालन संकट और उड़ानों के रद्द होने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस पूरे ‘फिआस्को’ को सरकार की ‘एकाधिकार मॉडल की कीमत’ करार दिया है।
एकाधिकार और मैच फिक्सिंग का आरोप
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि इंडिगो की विफलता उसी ‘एकाधिकार मॉडल’ की कीमत है, जिसे यह सरकार बढ़ावा दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस विफलता की कीमत आम भारतीयों को चुकानी पड़ रही है, जो देरी, उड़ानों के रद्द होने और असहाय महसूस करने के रूप में सामने आ रही है। गांधी ने साफ कहा कि भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि ‘मैच फिक्सिंग वाला एकाधिकार’ का।
इंडिगो का परिचालन संकट
इंडिगो एयरलाइंस पिछले कई दिनों से परिचालन संकट से जूझ रही है। कंपनी ने गुरुवार को 550 से अधिक उड़ानें रद्द कीं, और शुक्रवार को भी 400 उड़ानें रद्द होने की जानकारी मिली, जिससे सैकड़ों यात्रियों की यात्रा योजना प्रभावित हुई। कंपनी ने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को बताया कि उड़ानों में हुई ये परेशानियाँ मुख्य रूप से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे चरण को लागू करने में हुई गलत योजना और आंकलन की वजह से हुई हैं। इंडिगो ने भरोसा दिलाया है कि उनकी उड़ानें 10 फरवरी, 2026 तक पूरी तरह से सामान्य हो जाएंगी।
सरकार ने जताया असंतोष
उड़ानों में रुकावट की स्थिति का आकलन करने के लिए विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने भी उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने इंडिगो के नए FDTL नियमों को लागू करने के तरीके पर असंतोष जताया, क्योंकि कंपनी के पास इसे लागू करने के लिए पर्याप्त समय था। विपक्ष ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया।


