नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एयरलाइन के उड़ान संचालन में बड़े पैमाने पर आई बाधाओं और पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों फ्लाइट्स रद्द होने या घंटों देरी से चलने के कारण यात्रियों को हुई गंभीर असुविधा के लिए भेजा गया है।
नोटिस जारी करने के प्रमुख कारण
DGCA ने अपने नोटिस में इंडिगो की अव्यवस्था के लिए मुख्य रूप से योजना (Planning) और संसाधन प्रबंधन (Resource Management) में चूक को ज़िम्मेदार ठहराया है:
- डीजीसीए के अनुसार, उड़ान में व्यवधान का मुख्य कारण ‘फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL)’ नियमों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त व्यवस्था न करना है। ये नए नियम 1 नवंबर से लागू हुए हैं, जिसके तहत पायलटों के आराम के घंटों को बढ़ाया गया है।
- इंडिगो, जो देश के उड्डयन क्षेत्र में 60% से अधिक बाजार हिस्सेदारी रखती है, नए FDTL नियमों को लागू करने के लिए समय रहते पर्याप्त संख्या में पायलटों की भर्ती और ट्रेनिंग करने में विफल रही।
- एयरलाइन ने उड़ान रद्द होने या देरी के दौरान यात्रियों को सही जानकारी और आवश्यक सुविधाएं (जैसे भोजन, आवास आदि) प्रदान करने के अनिवार्य नियमों का उल्लंघन किया।
24 घंटे की मोहलत और सख्त चेतावनी
डीजीसीए ने सीईओ एल्बर्स से नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है कि इन उल्लंघनों के लिए उनके खिलाफ उपयुक्त प्रवर्तन कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
- डीजीसीए ने साफ कहा है कि अगर निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है, तो इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।
- नोटिस में सीईओ को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया गया है कि वह भरोसेमंद संचालन सुनिश्चित करने और यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की अपनी ड्यूटी में विफल रहे हैं।
यह DGCA द्वारा किसी एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ हाल के वर्षों में उठाया गया सबसे कड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार ने इंडिगो को रद्द उड़ानों का रिफंड तुरंत करने और खोए हुए सामान को 48 घंटे के भीतर यात्रियों तक पहुँचाने का भी सख्त निर्देश दिया है।


