इंडिगो एयरलाइंस में पिछले छह दिनों से जारी परिचालन संकट (Operational Crisis) रविवार, 7 दिसंबर 2025, को भी जारी रहा। दिल्ली और मुंबई के प्रमुख हवाई अड्डों पर इंडिगो की 220 से भी अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्रियों को एक बार फिर भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
संकट का मुख्य कारण:
इंडिगो में इस व्यापक व्यवधान का मुख्य कारण नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा 1 नवंबर से लागू किए गए नए और कड़े FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियम हैं।
- ये नए नियम पायलटों और केबिन क्रू के लिए अनिवार्य आराम के समय को बढ़ाते हैं।
- नियमों के अनुसार रोस्टरिंग (ड्यूटी शेड्यूलिंग) में पर्याप्त तालमेल न बिठा पाने के कारण एयरलाइन में पायलट और क्रू मेंबर की अचानक कमी आ गई।
सरकार का कड़ा निर्देश:
यात्रियों को हो रही भारी असुविधा और रिफंड में हो रही देरी को देखते हुए, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इंडिगो को सख्त निर्देश जारी किए हैं:
- रिफंड की डेडलाइन: मंत्रालय ने इंडिगो को सभी लंबित रिफंड (Pending Refunds) आज, 7 दिसंबर 2025, को रात 8 बजे तक पूरा करने का सख्त आदेश दिया है।
- कार्रवाई की चेतावनी: मंत्रालय ने साफ कहा है कि यदि एयरलाइन इस समय सीमा का पालन नहीं करती है, तो उसके खिलाफ सख्त नियामक कार्रवाई (Strict Regulatory Action) की जाएगी।
- ऑटोमैटिक रिफंड: इंडिगो ने घोषणा की है कि रद्द की गई सभी उड़ानों का रिफंड, यात्रियों के अनुरोध के बिना ही, सीधे उनके मूल भुगतान माध्यम (Original Mode of Payment) में स्वचालित रूप से वापस कर दिया जाएगा।
- शुल्क में छूट: 5 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एयरलाइन ने कैंसिलेशन या रीशेड्यूलिंग शुल्क (Rescheduling Fees) में भी पूर्ण छूट देने की घोषणा की है।
इंडिगो ने इस व्यापक अव्यवस्था के लिए यात्रियों से माफी मांगी है और कहा है कि वह जल्द से जल्द परिचालन सामान्य करने की दिशा में काम कर रही है।


