भारत और चीन के बीच लद्दाख में कई बार तनातनी देखने को मिली है। इसे देखते हुए भारत अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। इससे पहले भारत ने रफाल की तैनाती कर दी है, जो कि चीन के लिए सिरदर्द बनेगा। वहीं अब भारत एक ऐसा स्वदेशी टैंक विकसित कर रहा है, जो कि लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्र में चीन के खिलाफ कारगर साबित होगा। भारत ने जोरावर टैंक को कम समय में ही विकसित कर मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। पर्वतीय क्षेत्र में कम वजनी यह टैंक अधिक स्पीड से चल सकता है।
जोरावर की यह है खासियत
रूस और यूक्रेन से सबक सीखते हुए भारत ने भी अपनी तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। डीआरडीओ ने जोरावर टैंक में घूमने वाले हथियारों के लिए यूएसवी को इंटीग्रेट किया है। जोरावर का वजन 25 टन है। यह पहली बार है कि इतने कम समय में नया टैंकर डिजाइन कर लिया है। यह टैंक अब टेस्टिंग के लिए तैयार है। सबकुछ ठीक रहा तो 2027 तक यह सेना में शामिल हो सकता है। इसे दो साल के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। इसकी स्पीड 70 किमी प्रतिघंटा है। वहीं ऑफ रोड इसकी स्पीड 35 से 40 किमी बताई जाती है।