अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नामों को चीन द्वारा कथित तौर पर बदलने की कोशिश पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा। उन्होंने चीन के इस कदम को बेतुका और अस्वीकार्य करार दिया। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन की ऐसी हरकतें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए हानिकारक हैं।
यह क्षेत्र सदियों से भारतीय क्षेत्र का हिस्सा
भारत ने चीन के इस तथाकथित नामकरण को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह क्षेत्र सदियों से भारतीय क्षेत्र का हिस्सा रहा है और इसके नाम और पहचान अच्छी तरह से स्थापित हैं। चीन द्वारा जारी की गई नामों की सूची को भारत ने मनगढ़ंत और आधारहीन बताया है। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की है।
उत्तेजक कार्रवाइयों से बचने की सलाह
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है, जिसे भारत दृढ़ता से खारिज करता है। दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर लंबे समय से विवाद है। भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि सीमा विवाद को बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से हल किया जाना चाहिए। हालांकि, चीन की इस तरह की एकतरफा कार्रवाइयां निश्चित रूप से द्विपक्षीय संबंधों को और जटिल बनाती हैं। भारत ने चीन से भविष्य में ऐसी उत्तेजक कार्रवाइयों से बचने का आग्रह किया है।