प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछले 11 वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ मिली जीत भारत की सबसे बड़ी सफलता रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने कैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति को बदला है।
2014 से पहले की स्थिति
प्रधानमंत्री ने 2014 से पहले के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय नक्सलवादियों का देश के कई हिस्सों पर नियंत्रण था। “संविधान, कानून और व्यवस्था का उन क्षेत्रों में कोई असर नहीं था।” नक्सलियों ने विकास के कार्यों को रोका, जिसके कारण सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया और स्कूल तथा अस्पताल उड़ा दिए गए।
2014 के बाद की निर्णायक जीत
पीएम मोदी ने दावा किया कि 2014 में उनकी सरकार आने के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल गई। “हमने न सिर्फ वैचारिक लड़ाई जीती, बल्कि हथियारबंद लड़ाई भी जीती।” 2014 में 125 जिले नक्सली हिंसा से प्रभावित थे। आज प्रभावित जिलों की संख्या घटकर सिर्फ 13 रह गई है। प्रधानमंत्री ने इस सफलता को लोकतंत्र और विकास की जीत बताया।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कमी (2014-2024 के आंकड़े)
नक्सल प्रभावित जिलों और हिंसक घटनाओं की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है, जो सरकार की रणनीति की सफलता को दर्शाती है:
| संकेतक | 2014 में | वर्तमान स्थिति (अक्टूबर 2025 तक) | कमी (%) | 
| नक्सल प्रभावित जिले (कुल) | 126 | 11-18 (विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार) | ~85% | 
| सर्वाधिक प्रभावित जिले | 35 (लगभग) | 6 (या उससे भी कम) | – | 
| नक्सल हिंसक घटनाएँ | उच्च स्तर पर | 53% की कमी | 53% | 
| सुरक्षाकर्मियों की शहादत | 2004-2014 के दशक की तुलना में | 73% की कमी | 73% | 
| आम नागरिकों की मौतें | उच्च स्तर पर | 70% की कमी | 70% | 

