अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उनके दोस्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें निजी तौर पर आश्वासन दिया है कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद बंद कर देगा। ट्रंप ने इसे रूस पर दबाव बनाने और उसे अलग-थलग करने की अपनी कोशिश का हिस्सा बताया है। ट्रंप ने पीएम मोदी को ‘शानदार और महान व्यक्ति’ बताया और दोनों के बीच ‘शानदार संबंध’ होने की बात कही।
ट्रंप ने कहा कि अब अमेरिका चीन से भी रूस से तेल की खरीद बंद करने के लिए कहेगा। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि यह बदलाव तुरंत लागू नहीं होगा, लेकिन कुछ समय में इसका प्रभाव दिखेगा। इस दावे की भारतीय सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने भी तुरंत कोई जवाब नहीं दिया है। रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर इस समय भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव है। यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर दबाव बनाने के प्रयास में ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें रूसी तेल खरीद पर 25 प्रतिशत टैरिफ शामिल है।
- भारत पर संभावित प्रभाव:
- अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है, तो देश का आयात बिल (क्रूड बिल) लगभग 12 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है (2026-27 के लिए $11.7 अरब तक)।
- आपूर्ति बाधित होने पर भारत मध्य पूर्वी उत्पादकों की ओर लौट सकता है, लेकिन रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद होने से ईंधन की लागत बढ़ सकती है।
- रूसी तेल पर निर्भरता: यूक्रेन युद्ध के बाद रियायती दरों पर खरीद शुरू करने के कारण रूस अब भारत का सबसे बड़ा क्रूड आपूर्तिकर्ता बन गया है। भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 2019-20 में मात्र 1.7% से बढ़कर 2024-25 में 35.1% हो गई है।