भारत का रक्षा निर्यात पिछले 10 वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। वर्ष 2014-15 में जहां यह मात्र 686 करोड़ था, वहीं 2024-25 में बढक़र 23,622 करोड़ तक पहुंच गया है। इस प्रकार इस अवधि में भारत के रक्षा निर्यात में लगभग 34 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि भारत सरकार द्वारा मेक इन इंडिया पहल के तहत रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों का परिणाम है। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया है, जिसका सकारात्मक प्रभाव निर्यात पर दिख रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत जल्द ही वैश्विक रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।
ये है स्थिति
वित्तीय वर्ष 2024-25 में निजी क्षेत्र ने 15,233 करोड़ का रक्षा निर्यात किया, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों का योगदान 8,389 करोड़ रुपए रहा। इस दौरान भारत से रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाले देशों की संख्या भी बढ़ी है, और अब लगभग 100 देशों को भारतीय रक्षा उपकरण और प्रणालियां निर्यात की जा रही हैं। भारत सरकार ने वर्ष 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में सरकार लगातार नीतिगत सुधार कर रही है और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।