एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की आर्थिक वृद्धि की उम्मीदों को बढ़ा दिया है, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती महत्ता को रेखांकित किया है। एडीबी ने भारत को एशिया का नया विकास इंजन घोषित किया है। यह घोषणा न केवल भारत की मज़बूत आर्थिक बुनियाद को दर्शाती है, बल्कि विदेशी निवेशकों के बढ़ते भरोसे को भी उजागर करती है।
भारत बना एशिया का नया ग्रोथ इंजन
- संशोधित ग्रोथ रेट: एडीबी ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर 7.0 प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत कर दिया है। यह वृद्धि दर एशिया के प्रमुख देशों की तुलना में काफी अधिक है।
- विश्वास का कारण: यह आशावादी दृष्टिकोण मुख्य रूप से मज़बूत घरेलू मांग, सरकारी पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि और ग्रामीण खपत में सुधार पर आधारित है।
- चीन की तुलना: एडीबी की रिपोर्ट में चीन की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया गया है, जबकि भारत के लिए इसे बढ़ाया गया है। यह रुझान स्पष्ट करता है कि वैश्विक और एशियाई विकास का केंद्र अब चीन से हटकर भारत की ओर खिसक रहा है।
मज़बूत आर्थिक बुनियाद
भारत की अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:
- विनिर्माण और निर्यात: विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) और निर्यात में निरंतर सुधार देखा जा रहा है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलें और उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं इस क्षेत्र को बढ़ावा दे रही हैं।
- ढांचागत निवेश: केंद्र सरकार ने सड़क, रेल, बंदरगाह और ऊर्जा जैसे ढांचागत क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय को रिकॉर्ड स्तर पर बनाए रखा है। यह निवेश अर्थव्यवस्था में नौकरियों का सृजन करता है और दीर्घकालिक विकास को गति देता है।
- राजकोषीय अनुशासन: सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए हैं, जिससे देश की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है।
वैश्विक निवेशकों का बढ़ता आकर्षण
एडीबी का यह आकलन ऐसे समय में आया है जब कई प्रमुख वैश्विक रेटिंग एजेंसियां और वित्तीय संस्थान भारत को लेकर सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं।
- एफडीआई प्रवाह: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है। वैश्विक कंपनियां चीन प्लस वन (China Plus One) रणनीति के तहत अपने विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार भारत में कर रही हैं।
- बाज़ार का प्रदर्शन: भारतीय शेयर बाज़ार अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर है, जो निवेशकों के मज़बूत आत्मविश्वास को दर्शाता है।
एडीबी के अनुसार, अगर भारत अपनी ढांचागत सुधारों की गति को बनाए रखता है और भू-राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करता है, तो यह आने वाले वर्षों में अपनी मौजूदा गति को बरकरार रखेगा और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को जल्द हासिल करेगा।


