शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों ने अपने संयुक्त घोषणापत्र, जिसे तियानजिन घोषणा के नाम से जाना जाता है, में भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। सभी सदस्य देशों ने इस “कायराना हरकत” की निंदा करते हुए दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है।
एससीओ के सदस्य देश आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस घोषणापत्र में इन चुनौतियों से निपटने के लिए दोहरे मापदंडों को सिरे से खारिज किया गया है। सभी देशों ने मिलकर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया है।
यह पहला मौका नहीं है जब भारत ने किसी वैश्विक मंच पर आतंकवाद का मुद्दा उठाया है। एससीओ घोषणापत्र में पहलगाम का जिक्र, आतंकवाद के खिलाफ भारत की लगातार कोशिशों का एक अहम हिस्सा है। भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है और वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाने की अपील करता रहा है।
इस घोषणापत्र को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह दर्शाता है कि एससीओ के सदस्य देश इस गंभीर खतरे को लेकर एकमत हैं और इससे निपटने के लिए मिलकर काम करने को तैयार हैं।