अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के भारत दौरे पर द्विपक्षीय वार्ताओं के दौरान, भारत ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POK) को लेकर एक बड़ा कूटनीतिक दांव खेला है। भारत ने अफगानिस्तान को अपना ‘निकटतस्थ पड़ोसी’ (contiguous neighbour) बताया, जो पाकिस्तान के लिए एक सीधा और स्पष्ट अल्टीमेटम माना जा रहा है।
वाखान कॉरिडोर का सामरिक महत्व
भारत और अफगानिस्तान के बीच एक छोटी सी 106 किलोमीटर लंबी सीमा वाखान कॉरिडोर के माध्यम से मिलती है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण सामरिक क्षेत्र है। हालांकि, वर्तमान में यह कॉरिडोर भारत के उस क्षेत्र से जुड़ता है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्ज़ा कर रखा है – यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK)।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुत्ताकी से बातचीत के दौरान अफगानिस्तान को ‘निकटतस्थ पड़ोसी’ कहकर, अनजाने में ही, इस बात को फिर से उजागर कर दिया है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान ने इस क्षेत्र पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच सीधा संपर्क बाधित है।
पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव
भारत की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान के साथ व्यापारिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिशें चल रही हैं। इस बयान का सीधा संदेश पाकिस्तान को है कि भारत पीओके पर अपनी संप्रभुता को लेकर दृढ़ है। यह अफगानिस्तान को मानवीय सहायता और व्यापार मार्ग खोलने के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, जो वर्तमान में पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्र के कारण अवरुद्ध है।
यह कूटनीतिक बयान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और भौगोलिक बदलाव का संकेत देता है। भारत ने वाखान कॉरिडोर के माध्यम से अफगानिस्तान के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने की अपनी दीर्घकालिक इच्छा को दोहराया है, जिसके लिए पीओके पर पाकिस्तान का अवैध कब्ज़ा समाप्त होना आवश्यक है। इस घोषणा को पाकिस्तान की आंखें खोलने की कोशिश और पीओके पर भविष्य की भारत की रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।