बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और 2024 के चुनावों में कथित मतदाता धोखाधड़ी के विरोध में इंडिया ब्लॉक ने सोमवार को संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। इस मार्च के दौरान, विपक्षी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
मार्च के दौरान, दिल्ली पुलिस ने विजय चौक पर भारी बैरिकेडिंग कर रखी थी, लेकिन जब पुलिस ने विपक्षी नेताओं को आगे जाने से रोका तो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अचानक बैरिकेड कूदकर दूसरी तरफ चले गए। उनके इस कदम पर पास खड़ी कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ताली बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। यह घटनाक्रम तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और विपक्ष की एकजुटता के तौर पर देखा जा रहा है।
पुलिस ने रोका मार्च
पुलिस ने मार्च को आगे बढ़ने से रोका, जिसके बाद विपक्षी नेता वहीं धरने पर बैठ गए। उन्होंने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था होने के बावजूद सरकार के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की।
क्या है मामला?
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची में कई विसंगतियां हैं, जिसमें बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल हैं। उनका दावा है कि यह 2024 के चुनावों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का हिस्सा है। विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की मांग की है।
इस मार्च में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, सीताराम येचुरी समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे को संसद और सड़क दोनों जगह उठाएंगे और तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता।