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    चुनाव आयोग के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने खोला मोर्चा, तेजस्वी बोले-चक्काजाम करेंगे

    बिहार में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर जारी विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन ने चुनाव आयोग के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। गठबंधन के प्रमुख नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चेतावनी दी है कि यदि मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियाँ दूर नहीं की गईं, तो वे पूरे बिहार में ‘चक्का जाम’ कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

    तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग, राज्य सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और जानबूझकर मतदाता सूची में धांधली की जा रही है ताकि विपक्ष को नुकसान पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा, “हजारों की संख्या में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं, जबकि कई फर्जी नामों को जोड़ा जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है।”

    यादव ने आगे कहा, “हमने चुनाव आयोग को कई बार इस संबंध में शिकायतें दी हैं, लेकिन हमारी बातों को अनसुना किया जा रहा है। अब हमारे पास सड़क पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। यदि 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका पर सकारात्मक निर्णय नहीं आता है और चुनाव आयोग हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देता है, तो ‘इंडिया’ गठबंधन पूरे राज्य में ‘चक्का जाम’ करेगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।”

    ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन किया। कांग्रेस, वाम दल और अन्य सहयोगी दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग पर “सत्ताधारी दल के एजेंट” के रूप में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मतदाता सूची पुनरीक्षण नहीं, बल्कि एक “बड़े पैमाने पर धांधली” है, जिसका उद्देश्य आगामी चुनावों में सत्ताधारी गठबंधन को लाभ पहुंचाना है।

    दूसरी ओर, सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘इंडिया’ गठबंधन के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। जद (यू) के एक प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव अपनी संभावित हार को देखते हुए पहले से ही बहाने ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वह अपनी प्रक्रिया के तहत काम कर रहा है। विपक्ष बेवजह मुद्दा बना रहा है।” इस घोषणा के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट में 10 जुलाई को होने वाली सुनवाई पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि उसका फैसला इस पूरे विवाद की दिशा तय करेगा।

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