लोकसभा चुनाव के समय जोर-शोर से बना इंडिया गठबंधन बिखरता दिख रहा है। चुनाव से पहले जहां बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही इंडिया गठबंधन को झटका दे दिया, तो चुनाव के समय ममता बनर्जी ने भी किनारा कर लिया। ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी। अब सीएम ममता बनर्जी गठबंधन से किनारा करने में लगी हुई हैं। हरियाणा में कांग्रेस और महाराष्ट्र में एमवीए की करारी हार के बाद विपक्ष खेमे में खलबली है। गठबंधन दलों के निशाने पर कांग्रेस है। मोर्चा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जाहिर कर कांग्रेस को बड़ी चुनौती दी है। ममता ने कहा कि जरूरत पडऩे पर वह बंगाल से ही गठबंधन की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कह दिया कि इंडिया गठबंधन अब बचा ही कहां है।
ममता दीदी का एग्जिट प्लान
ममता बनर्जी की इंडिया गठबंधन के नेतृत्व करने की ख्वाहिश को उनका एग्जिट प्लान माना जा रहा है। यह तय है कि टीएमसी के नेतृत्व को कांग्रेस कभी स्वीकार नहीं करेगी। अगर ऐसा हुआ तो दीदी का बाहर जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। ममता इंडिया गठबंधन से इसलिए बाहर आना चाहती हैं, ताकि 2029 में वे गठबंधन की धुरी बन सकें। लेकिन यह कांग्रेस के रहते संभव नहीं है।
दीदी ने ही बनाया, वे ही संवारेंगी
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने ही इंडिया ब्लॉक को बनाया है। अब इसे संभालने की जिम्मेदारी नेतृत्व करने वालों पर हैं। मगर वे इसे नहीं चला सकते तो वह क्या कर सकती हैं? तृणमूल नेताओं का दावा है कि ममता दीदी के नेतृत्व में ही इंडिया गठबंधन बीजेपी का मुकाबला कर सकता है। पिछले दिनों लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान टीएमसी ने अडाणी के मुद्दे पर अलग स्टैंड लिया था। टीएमसी नेता संसद के बहस में शामिल होना चाहते हैं जबकि कांग्रेस विरोध-प्रदर्शन को जारी रखना चाहती है।