दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही है। शाम को 6.30 बजे एक्जिट पोल भी आ जाएंगे जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि कौन सी पार्टी सत्ता में आ रही है। लेकिन असल नतीजे तो 8 फरवरी को आएंगे। ये चुनाव तीनों पार्टियों आप-भाजपा और कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में जो भी इस चुनाव में जीतेगा, वह बढ़े हुए मनोबल के साथ सत्ता में विराजेगा। इस चुनावों में भाजपा की साख दांव पर लगी है। इन चुनाव को जीतने-हारने से उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन उसकी साख पर जरूर बट्टा लगेगा।
भाजपा-कांग्रेस को वनवास खत्म होने का इंतजार
भाजपा दिल्ली में 27 साल से सत्ता से बाहर है। 1998 के चुनाव से लगातार उसका हार का सिलसिला जारी है। पहले कांग्रेस ने 15 साल तक दिल्ली में राज किया तो बाद में आम आदमी पार्टी लगातार 12 सालों से सत्ता में बनी हुई है। कांग्रेस प्रयास कर रही है कि 12 साल बाद उसका वनवास खत्म हो जाए और उसे एक नई संजीवन मिली। वैसे भी हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद उसकी काफी आलोचनाएं हुई हैं। ऐसे में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी के लिए सबकुछ दांव पर लगा दिया है। वहीं आप के लए दिल्ली गढ़ है और अगर यह ढहता है तो उसके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। ऐसे में पूरे देश में विस्तार की संभावनाओं पर भी विराम लग जाएगा। भाजपा भी 27 साल की नाकामी का दाग धुलने के प्रयास में है। बहरहाल नतीजे किसके पक्ष में आएंगे, इसके लिए 8 फरवरी का इंतजार करना पड़ेगा।