कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में बोलते हुए 2015 को पाकिस्तान के लिए आखिरी मौका बताया, जब वह आतंकवाद से निपटने के लिए गंभीर होने का अवसर गंवा चुका था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2015 के पाकिस्तान दौरे का भी जिक्र किया। थरूर ने कहा कि 2015 में भारत के एक एयरबेस पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस हमले से ठीक एक महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी, यहां तक कि उनकी पोती की शादी में भी पाकिस्तान जाकर शामिल हुए थे। थरूर ने बताया कि जब हमला हुआ, तो भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान से जांच में शामिल होने का आग्रह किया ताकि पता चल सके कि इसके पीछे कौन था।
वापस जाकर पाकिस्तान ने झूठ बोला
थरूर ने कहा कि उस समय पाकिस्तानी जांचकर्ता भारत आए, लेकिन वापस जाकर उन्होंने यह दावा कर दिया कि यह हमला खुद भारतीयों ने किया था। थरूर ने इसे पाकिस्तान के लिए अपनी ईमानदारी साबित करने का खोया हुआ अवसर बताया। उन्होंने कहा कि मुझे डर है कि हमारे लिए 2015 उनके लिए व्यवहार करने, सहयोग करने और वास्तव में यह दिखाने का आखिरी मौका था कि वे आतंकवाद को खत्म करने के बारे में गंभीर हैं।
तब भारत ने बदल दी नीति
थरूर ने जोर देकर कहा कि इस घटना के बाद से भारत ने अपनी नीति में बदलाव किया है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण दिया, जिसमें भारत ने पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। यह दर्शाता है कि अब भारत आतंकवाद के खिलाफ जोर से और समझदारी से वार करने का फैसला कर चुका है, क्योंकि पारंपरिक कूटनीतिक रास्ते पर्याप्त साबित नहीं हुए हैं।