बिहार के चुनावी माहौल में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने ‘वक्फ संशोधन कानून’ को लेकर एक विवादास्पद और बड़ा बयान दिया है। कटिहार की एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने वादा किया कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है, तो वे इस कानून को ‘कूड़ेदान में फेंकने’ का काम करेंगे और इसे बिहार में लागू नहीं होने देंगे।
क्या है तेजस्वी का बयान?
तेजस्वी यादव ने अपनी रैली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (यूनाइटेड) के गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने यह वक्फ कानून बनाया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने इसका समर्थन किया है, जिससे यह असंवैधानिक हो गया है और मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है।
तेजस्वी ने कहा, “हमने कभी घुटने नहीं टेके। लालू यादव हमेशा भाजपा से लड़ते रहे, और हम भी लड़ रहे हैं। अगर भाजपा किसी से डरती है, तो वह लालू यादव हैं। मैं वादा करता हूं कि वे जो वक्फ कानून लाए हैं, सत्ता में आते ही मैं उसे कूड़ेदान में फेंक दूंगा।“
बयान पर सियासी घमासान
तेजस्वी के इस बयान ने बिहार की सियासत को गरमा दिया है। बीजेपी और एनडीए के नेताओं ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल केंद्र की संसद से पास होकर कानून बन चुका है, और तेजस्वी यादव का यह बयान न केवल संसद और न्यायपालिका का अपमान है, बल्कि यह उनकी तुष्टिकरण की राजनीति को भी दर्शाता है।
बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव खुद को संसद से भी ऊपर समझ रहे हैं और वह संविधान विरोधी बात कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बयान बिहार की जनता को गुमराह करने की कोशिश है, क्योंकि राज्य सरकार के पास केंद्र के कानून को इस तरह रद्द करने का कोई अधिकार नहीं होता।
यह बयान बिहार के विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जहां आरजेडी और महागठबंधन मुस्लिम वोट बैंक को गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि बीजेपी इसे ‘नमाज़वादी राजनीति’ करार देते हुए संविधान के अपमान का मुद्दा बना रही है।


