बेंगलुरू में रहने वाले अतुल सुभाष एक एआई इंजीनियर थे। उन्होंने 9 दिसंबर को इंटरनेट पर 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो जारी कर कहा था कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है। पत्नी की प्रताडऩा से परेशान होकर उन्होंने वीडियो जारी करने के साथ ही कई पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि अगर आरोपी छूट जाएं तो मेरी अस्थियां गटर में बहा देना। अब अतुल सुभाष की खुदकुशी मामले में चार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम है। अतुल के भाई विकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी जिसके आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) (जब दो या ज्यादा लोग शामिल हों तो सामूहिक जिम्मेदारी बनती है) का केस दर्ज किया है।
मस्क और ट्रंप को किया टैग
अतुल सुभाष ने अपने एक्स अकाउंट पर अपने आखिरी वीडियो का लिंक पोस्ट करते हुए एलन मस्क और अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को टैग किया है। सुसाइड के बाद जो तख्ती मिली है, उसमें लिखा था कि अभी न्याय बाकी है। अतुल ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाए। सुसाइड नोट में लिखा है कि जज ने मामले को रफा-दफा करने के नाम पर 5 लाख रुपए मांगे थे। उनकी पत्नी और सास ने उन्हें सुसाइड करने को कहा था और इस पर वह जज हंस पड़ी थीं। बिहार निवासी अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ है।
राष्ट्रपति के नाम 24 पेज का लेटर लिखा
अतुल ने अपने लेटर में राष्ट्रपति के नाम भी नोट लिखा हे। अतुल ने 24 पेज के लेटर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम भी एक लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की खामियां बताईं और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कराने के ट्रेंड के बारे में बताया। दहेज प्रतिरोध कानून और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट से रिक्वेस्ट करता हूं कि इन झूठे केसों में मेरे माता-पिता और भाई को परेशान करना बंद करें। अतुल ने लिखा कि इस कदम से उसके माता-पिता को दर्द होगा, लेकिन उसके सामने और कोई चारा नहीं बचा है।