भारत ने सिंधु जल संधि का निलंबित करने का फैसला लिया, जो पाकिस्तान की कमर तोडऩे जैसा है। दरअसल पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था करीब 90 प्रतिशत सिंधु नदी के जल पर निर्भर है। इससे पाकिस्तान में आने वाले सालों में खेती गंभीर तौर पर प्रभावित होगी और पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा। हालांकि यह इतने जल्द संभव नहीं होगा। बांध और जल विद्युत परियोजनाओं को तैयार करने में समय लग सकता है। आने वाले समय में अगर भारत पाकिस्तान के साथ इन नदियों के जल को लेकर डेटा शेयर करना बंद कर देता है, तो पाकिस्तान पर इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। मानसून के मौसम में पाकिस्तान में विनाशक बाढ़ की स्थिति बन सकती है। वहीं अन्य मौसम में पाकिस्तान सूखे की चपेट में आ जाएगा।
तीन साल पहले आए बाढ़ से नहीं उबरा पाकिस्तान
पाकिस्तान में विनाशक बाढ़ आने की स्थिति बनती रही है। तीन साल पहले आई बाढ़ से पाकिस्तान अब तक उबर नहीं पाया है। तब पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब चुका था। अब भारत अगर डेटा शेयर करना बंद करता है, तो इस बार उससे ज्यादा विनाशक हालात बन सकते हैं। इससे डरे पाकिस्तान का कहना है कि पानी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है जो उसके 24 करोड़ लोगों के लिए लाइफलाइन है और इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा। वहीं भारत इस समझौते को सस्पेंड कर इसका इस्तेमाल पाकल दुल, रतले, किरू और सावलकोट सहित पश्चिमी नदियों के किनारे पनबिजली और भंडारण परियोजनाओं के विकास को गति दे सकता है।
क्या परमाणु बम गिराएगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान के विशेषज्ञों की चेतावनी है कि अगर भारत, पाकिस्तान के हिस्से के पानी को रोकने या मोडऩे के लिए कोई सुविधा बनाने की कोशिश करता है, तो इस्लामाबाद अपनी पूरी युद्ध शक्ति का उपयोग करके उस सुविधा को सैन्य रूप से नष्ट कर देगा। एक्सपट्र्स कह रहे हैं कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के उपयोग सहित किसी भी सीमा तक जा सकता है।