अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने को लेकर चेतावनी दी है, जिसके बाद भू-राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस पर अमेरिकी विशेषज्ञ और हडसन इंस्टीट्यूट के एक जानकार ने ट्रंप को आगाह करते हुए कहा है कि अगर भारत को रूस से तेल की सप्लाई रोकी गई, तो रूस चुप नहीं बैठेगा और अमेरिका की कमजोर नस को दबा देगा।
ट्रंप ने रूस को 10 दिनों की डेडलाइन दी है और कहा कि अगर मॉस्को यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता है तो अमेरिका रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगा देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच तेल व्यापार में काफी बढ़ोतरी हुई है। आज भारत अपनी कुल तेल जरूरतों का लगभग 35-40% रूस से आयात करता है। यह रूस के लिए भी एक बड़ा आर्थिक सहारा है। ऐसे में अगर अमेरिका भारत पर दबाव डालकर रूस से तेल आयात बंद करवाता है, तो रूस बदले में एक बड़ा कदम उठा सकता है।
जानकार का कहना है कि रूस, अमेरिका और यूरोपीय कंपनियों के साथ साझेदारी वाली कैस्पियन पाइपलाइन को बंद कर सकता है। यह पाइपलाइन कैस्पियन क्षेत्र से तेल का निर्यात करती है और अगर इसे बंद कर दिया जाता है, तो अमेरिका और यूरोपीय देशों को भारी नुकसान होगा।
विशेषज्ञ ने ट्रंप को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह के कड़े फैसले लेने से पहले उन्हें इसके परिणामों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को रूसी तेल से दूर करने का प्रयास अमेरिका के लिए उल्टा पड़ सकता है, क्योंकि इससे वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता आ सकती है और कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका सीधा असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।