एक ओर वेब सीरीज विवादों में घिर गई है। दरअसल आईसी-814-द कंधार हाईजैक वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग हुई है। इस वेब सीरीज में 90 के दशक में काठमांडू से दिल्ली जा रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान के हाईजैक की कहानी है। अब इसके हैकर्स के किरदारों के परिवर्तित नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सत्ताधारी दल के साथ दर्शकों के बहुत बड़े वर्ग ने आतंकियों के मानवीय चित्रण पर आपत्ति जताई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को समन जारी कर तलब किया है। उनसे ओटीटी सीरीज के कथित विवादास्पद पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसलिए है विवाद
काठमांडू से दिल्ली जा रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान के हाईजैकर्स के किरदारों के परिवर्तित नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दर्शकों के बहुत बड़े वर्ग ने आतंकियों के मानवीय चित्रण पर आपत्ति जताई है। विमान हाईजैक करने वाले छह आतंकियों में सभी आतंकी मुस्लिम थे। इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सन्नी, अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर आतंकी थे लेकिन इस ओटीटी सीरीज में इन आतंकियों के नाम बदल दिए गए हैं। इसी पर विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स वेब सीरीज को बायकॉट करने की मांग कर रहे हैं।
भाजपा के आईटी सेल ने जताई आपत्ति
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि आईसी-814 के हाईजैकर्स खूंखार आतंकवादी थे। उन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए काल्पनिक नाम अपनाए थे। फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने उनके गैर-मुस्लिम नामों को आगे बढ़ाकर उनके नापाक इरादों को सही बनाने का काम किया है। अब लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने ही आईसी-814 का अपहरण किया था। मालवीय ने कहा कि अनुभव ने गलत काम को छिपाने के वामपंथियों के एजेंडे के मुताबिक काम किया। यह सिनेमा की ताकत है, जिसका कम्युनिस्ट 70 के दशक से ही आक्रामक तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने किया पलटवार
अब इस मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह देखना वाकई मजेदार है कि जो लोग कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों को सच मानते थे, वे आईसी814 की घटनाओं के चित्रण से निराश हो गए हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि अब अचानक वे स्क्रिप्ट में सटीकता और बारीकियों को शामिल करना चाहते हैं।