रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए यूक्रेन और पश्चिमी देशों को बड़ी चेतावनी दी है। पुतिन ने स्पष्ट किया है कि यदि वर्तमान शांति वार्ता विफल होती है, तो रूस यूक्रेन के और अधिक क्षेत्रों पर कब्जा करने से पीछे नहीं हटेगा।
पुतिन की सख्त चेतावनी
17 दिसंबर 2025 को रूसी रक्षा मंत्रालय की वार्षिक बैठक में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कीव और उसके विदेशी समर्थक (पश्चिमी देश) सार्थक बातचीत करने से इनकार करते हैं, तो रूस सैन्य माध्यमों से अपने “ऐतिहासिक क्षेत्रों” की मुक्ति जारी रखेगा।
मुख्य बिंदु:
- क्षेत्रीय विस्तार की धमकी: पुतिन ने कहा कि शांति वार्ता के विफल होने की स्थिति में रूस अपने कब्जे वाले इलाकों का और विस्तार करेगा।
- रणनीतिक बढ़त का दावा: पुतिन के अनुसार, रूसी सेना पूरी फ्रंट लाइन पर रणनीतिक बढ़त बनाए हुए है और वह सीमा के पास एक “सुरक्षा बफर जोन” (Buffer Security Zone) का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं।
- शांति की शर्तें: रूस की मुख्य मांग है कि यूक्रेन उन चार क्षेत्रों (डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिजिया) से अपनी सेना पूरी तरह हटा ले, जिन पर रूस अपना दावा करता है। साथ ही, यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का विचार हमेशा के लिए छोड़ना होगा।
शांति वार्ता की वर्तमान स्थिति
यह बयान ऐसे समय में आया है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के नेतृत्व में शांति प्रयासों में तेजी देखी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार:
- एक 28-सूत्रीय ‘पीस प्लान’ पर चर्चा चल रही है, जिसमें से लगभग 90% बिंदुओं पर सहमति बनने का दावा किया गया है।
- हालांकि, जेलेंस्की ने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने इस शांति योजना को यूक्रेन के इतिहास का “सबसे कठिन फैसला” बताया है।
सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
पुतिन ने इस अवसर पर रूस की परमाणु क्षमताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने घोषणा की कि अत्याधुनिक ‘ओरेश्निक’ (Oreshnik) बैलिस्टिक मिसाइल को इसी महीने औपचारिक रूप से सेना में शामिल किया जाएगा। रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने भी संकेत दिया कि डोनबास क्षेत्र में रूसी सेना की हालिया बढ़त ने बड़े अभियानों के लिए रास्ता साफ कर दिया है।
दूसरी ओर, जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता जारी रखने की अपील करते हुए कहा है कि पुतिन अगले साल भी युद्ध जारी रखने की तैयारी कर रहे हैं और कूटनीति के विफल होने पर यूक्रेन को अधिक उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों की आवश्यकता होगी।


