भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में तीसरे वनडे के दौरान गंभीर रूप से चोटिल होने के बाद, अपने प्रशंसकों को पहला संदेश भेजा है। पेट में लगी गंभीर चोट के कारण उनकी स्प्लीन (तिल्ली) में कट लग गया था और आंतरिक रक्तस्राव शुरू हो गया था, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
श्रेयस का भावुक संदेश
श्रेयस अय्यर ने इंस्टाग्राम स्टोरी के माध्यम से अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी दी और फैंस के प्रति आभार व्यक्त किया, “मैं इस समय रिकवरी प्रक्रिया में हूँ और हर गुजरते दिन के साथ बेहतर महसूस कर रहा हूँ। मुझे मिली सभी शुभकामनाओं और सहयोग के लिए मैं दिल से आभारी हूँ। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मुझे अपनी दुआओं और सोच में रखने के लिए धन्यवाद।”
बीसीसीआई ने दिया स्वास्थ्य अपडेट
बीसीसीआई ने अपनी आधिकारिक प्रेस रिलीज में श्रेयस की चोट और उनकी वर्तमान स्थिति की पुष्टि की: “श्रेयस अय्यर को 25 अक्तूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में पेट पर लगी चोट के कारण स्प्लीन में कट और आंतरिक रक्तस्राव हुआ।” चोट की तुरंत पहचान की गई, रक्तस्राव को नियंत्रित किया गया और उनकी स्थिति अब स्थिर है। 28 अक्तूबर को दोबारा किए गए स्कैन में सुधार देखा गया है और वह रिकवरी की राह पर हैं। बीसीसीआई की मेडिकल टीम सिडनी और भारत के विशेषज्ञों के साथ मिलकर लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए है।
जनवरी 2026 तक वापसी की उम्मीद
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने NDTV को बताया कि श्रेयस की मैदान पर वापसी में समय लग सकता है: “फिलहाल वह जनवरी 2026 तक फिट हो सकते हैं। उन्हें सिडनी में ही रखा जाएगा जब तक वह उड़ान भरने के लिए पूरी तरह फिट नहीं हो जाते।” इसका स्पष्ट अर्थ है कि श्रेयस जनवरी 2026 से पहले टीम इंडिया के लिए नहीं खेल पाएंगे, जो टीम इंडिया के मध्यक्रम के लिए एक बड़ा झटका है।
सूर्यकुमार यादव ने दिया अपडेट
टीम इंडिया के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी श्रेयस की सेहत पर बात की: “पिछले दो दिनों से मेरी उनसे बात हो रही है। अगर वह रिप्लाई कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह स्थिर हैं।” उन्होंने बताया कि डॉक्टर उनकी देखरेख कर रहे हैं और वह ठीक हो रहे हैं। श्रेयस अय्यर वनडे में टीम इंडिया के मध्यक्रम के प्रमुख बल्लेबाज हैं और उनकी अनुपस्थिति से टीम का संतुलन प्रभावित होगा। हालांकि, उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार होना एक बड़ी राहत की बात है।


