एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) भारत द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक और स्वदेशी रक्षा प्रणाली है। यह एक ऐसी प्रणाली है जो देश की हवाई रक्षा को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रकार की मिसाइलों, रडार और अन्य उपकरणों को एक साथ जोड़ती है। हाल ही में ओडिशा के तट पर इसका सफल उड़ान परीक्षण किया गया, जो भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
क्या है एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली?
आईएडीडब्ल्यूएस एक बहु-स्तरीय (multi-layered) वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे हवाई खतरों से देश के महत्वपूर्ण स्थानों की रक्षा के लिए बनाया गया है। इसमें कई घटक शामिल हैं, जिनमें क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइलें और एक उच्च-शक्ति वाला लेजर-आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) शामिल हैं। यह प्रणाली एक-दूसरे से जुड़ी हुई है, जिससे यह दुश्मनों के खतरों को बेहतर ढंग से पहचान सकती है और उनका मुकाबला कर सकती है।
इसकी ताकत कितनी है?
इस प्रणाली की सबसे बड़ी ताकत इसकी बहुमुखी प्रतिभा (versatility) है। यह एक ही समय में कई प्रकार के हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।
- लड़ाकू विमान और ड्रोन: यह प्रणाली दुश्मन के लड़ाकू विमानों और ड्रोनों को मार गिराने में सक्षम है।
- क्रूज मिसाइलें: यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाली क्रूज मिसाइलों को भी आसानी से रोक सकती है।
- बैलिस्टिक मिसाइलें: यह प्रणाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भी सुरक्षा प्रदान करती है, जो बेहद तेज गति से आती हैं।
- तेज प्रतिक्रिया: इसका ‘क्विक रिएक्शन’ घटक इसे बहुत कम समय में दुश्मन के खतरे का जवाब देने की क्षमता देता है।
यह प्रणाली भारत की “आत्मनिर्भर भारत” पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न सिर्फ भारत की सुरक्षा को बढ़ाती है, बल्कि विदेशी रक्षा प्रणालियों पर हमारी निर्भरता को भी कम करती है। भविष्य में, यह भारत को रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी एक मजबूत खिलाड़ी बना सकती है।