संसद में मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलकर ‘विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ किए जाने पर छिड़ी बहस के बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा लगाए गए ‘गांधी के अपमान’ के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस के इतिहास पर गंभीर सवाल खड़े किए।
गांधीवादी विचारधारा का असली हनन किसने किया?
निशिकांत दुबे ने कांग्रेस को घेरते हुए पूछा कि गांधीवादी विचारधारा का असली हनन किसने किया? उन्होंने सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस के पुराने फैसलों को गांधीवादी मूल्यों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान का बंटवारा, तिब्बत को चीन को सौंपना और कश्मीर के दो टुकड़े करना क्या गांधी जी के सपनों की हत्या नहीं थी? हिंदू मैरिज एक्ट लाने और शाहबानो केस में मुस्लिम महिलाओं के हक छीनने को लेकर भी उन्होंने कांग्रेस को घेरा। गौ हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे साधुओं पर गोली चलाने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे गांधीवादी अहिंसा के खिलाफ बताया। ‘गरीबी हटाओ’ के नारे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों को और गरीब बना दिया।
भ्रष्टाचार और मोदी सरकार का संकल्प
विपक्ष द्वारा मनरेगा के नाम बदलने और इसमें भ्रष्टाचार बढ़ने के आरोपों पर दुबे ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट किया।
- भ्रष्टाचार मुक्त शासन: प्रधानमंत्री मोदी के ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ के संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पारदर्शिता की ओर बढ़ रही है।
- नया नाम, नया संकल्प: उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान द्वारा लाया गया यह नया बिल (VB-GRAM G) ग्रामीण रोजगार को भ्रष्टाचार से मुक्त कर उसे ‘विकसित भारत’ के विजन से जोड़ने का प्रयास है।
निशिकांत दुबे ने अंत में सवाल किया कि जो पार्टी दशकों तक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती रही, वह अब पारदर्शिता लाने वाले बदलावों पर सवाल कैसे उठा सकती है?


