सुप्रीम कोर्ट ने चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़े के दावे को लेकर राहुल गांधी की खिंचाई की, हालांकि उनके खिलाफ मामले पर रोक लगा दी। मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने दावा किया था कि चीन ने भारत की 2,000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और ए. जी. मसीह की पीठ ने राहुल गांधी से सवाल किया कि उन्हें यह जानकारी कैसे मिली।
पीठ ने सीधे शब्दों में पूछा, “आपको कैसे पता चला कि चीनियों ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है? क्या आप वहां थे? आपके पास कोई विश्वसनीय प्रमाण है? आप बिना सबूत के ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं?” कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि एक “सच्चा भारतीय” ऐसे संवेदनशील समय में इस तरह के बयान नहीं देगा, खासकर जब सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति हो।
कोर्ट ने राहुल गांधी को सलाह दी कि उन्हें इस तरह के गंभीर आरोप लगाने से पहले तथ्यों और संवैधानिक जिम्मेदारियों का ध्यान रखना चाहिए।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे मानहानि के मुकदमे पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर तीन हफ्तों में जवाब मांगा है।
यह मामला दिसंबर 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक बयान से जुड़ा है। इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक बयानों में ज़िम्मेदारी और तथ्यात्मकता के महत्व को उजागर किया है, विशेषकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर।