साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में करारी हार (क्लीन स्वीप) के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे थे। इन सवालों पर गंभीर ने स्पष्ट जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी पिछली सफलताओं को याद दिलाया है। हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने भविष्य से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए गौतम गंभीर ने कहा, “यह बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) को तय करना है कि मेरा भविष्य क्या है। मैंने अपना काम ईमानदारी और पूरी लगन से किया है। लेकिन मेरी विफलताओं के साथ-साथ, लोगों को मेरी सफलताओं को नहीं भूलना चाहिए।”
गंभीर ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में मिली सफलताओं की ओर इशारा किया, जैसे कि एशिया कप और टी20 विश्व कप में भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन। उन्होंने कहा कि एक सीरीज़ की हार से पूरी कोचिंग पर सवाल खड़ा करना सही नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि टीम ने हाल ही में सीमित ओवरों के प्रारूप (Limited Overs Format) में जबरदस्त प्रदर्शन किया है, जिसमें उनकी कोचिंग का महत्वपूर्ण योगदान था।
टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन
गंभीर ने स्वीकार किया कि टेस्ट सीरीज़ में टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, लेकिन उन्होंने खिलाड़ियों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हार की जिम्मेदारी सामूहिक होती है, और यह सिर्फ कोच की नहीं, बल्कि खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की भी होती है। गंभीर ने कहा कि टीम इस हार से सीखेगी और आगे के अंतर्राष्ट्रीय दौरों के लिए खुद को और मजबूत करेगी।
भविष्य का फैसला BCCI के हाथ में
गौतम गंभीर का कार्यकाल इस समय आलोचनाओं के घेरे में है, खासकर भारत के घर में एक बड़ी टेस्ट सीरीज़ हारने के बाद। गंभीर ने गेंद पूरी तरह से बीसीसीआई के पाले में डाल दी है। अब यह देखना बाकी है कि बीसीसीआई उनके प्रदर्शन का आकलन कैसे करती है और क्या वह उन्हें अगले साल होने वाले बड़े अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट (जैसे चैम्पियंस ट्रॉफी) तक मौका देती है या नहीं।


