यह कहानी है मुस्तफ़ा अली की, जिन्होंने इंजीनियरिंग की आरामदायक नौकरी छोड़कर, अपने सेकंड हैंड कारों के शौक को एक सफल और बड़ा व्यापार बना दिया। उनकी कंपनी, कार डिपो (Car Depot), अब सालाना ₹35 करोड़ का टर्नओवर (कारोबार) कर रही है।
शुरुआत: शौक से व्यवसाय तक
मुस्तफ़ा अली एक मैकेनिकल इंजीनियर थे। उन्हें गाड़ियों से बेहद लगाव था और वे अपने कॉलेज के दिनों से ही पुरानी कारों की ख़रीद-फरोख्त का काम एक साइड-हसल के रूप में करते थे। उन्होंने कुछ समय तक इंजीनियरिंग की नौकरी भी की, लेकिन उनका ध्यान हमेशा कारों की डीलिंग में लगा रहा। उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि वे इस काम को बड़े पैमाने पर कर सकते हैं। मुस्तफ़ा ने अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी और अपनी पूरी ऊर्जा सेकंड हैंड कार मार्केट में लगा दी। यह एक बड़ा जोखिम था, क्योंकि उस समय यह क्षेत्र असंगठित (unorganized) माना जाता था।
कार डिपो (Car Depot) की स्थापना
- मुस्तफ़ा ने चेन्नई में कार डिपो नाम से अपनी कंपनी शुरू की।
- उन्होंने इस व्यवसाय को अन्य लोगों से अलग तरीके से संचालित करने का फैसला किया। उनका मूल मंत्र था ‘विश्वास और पारदर्शिता’ (Trust and Transparency)।
- उन्होंने सुनिश्चित किया कि हर कार की बिक्री में ग्राहकों को उसकी वास्तविक स्थिति, सर्विस रिकॉर्ड और कागज़ात की पूरी जानकारी मिले। इस पारदर्शिता ने उन्हें ग्राहकों के बीच तेज़ी से विश्वसनीय बना दिया।
बाज़ार की चुनौती
- सेकंड हैंड कार मार्केट में सबसे बड़ी चुनौती भरोसा स्थापित करना होता है। मुस्तफ़ा ने कार की गुणवत्ता जांचने के लिए एक कठोर प्रणाली अपनाई, जिससे ग्राहकों को विश्वास हो सके कि वे अच्छी गुणवत्ता वाली कारें ही बेचते हैं।
- ग्राहकों के बढ़ते विश्वास के कारण उनका व्यवसाय तेज़ी से बढ़ने लगा। उन्होंने चेन्नई में और आउटलेट खोले और ग्राहकों की ज़रूरतों के हिसाब से प्रीमियम और बजट, दोनों तरह की कारें बेचना शुरू किया।
- शुरुआती छोटे कारोबार से लेकर, मुस्तफ़ा अली की कार डिपो ने जल्द ही एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। वर्तमान में, उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर ₹35 करोड़ तक पहुँच चुका है।
मुस्तफ़ा का संदेश
मुस्तफ़ा अली की कहानी यह सिखाती है कि यदि आप अपने शौक को व्यवसायिक ज्ञान और ईमानदारी के साथ जोड़ते हैं, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है। उनका मानना है कि किसी भी कारोबार में ग्राहक का विश्वास सबसे बड़ी पूँजी होती है।


