अजमेर के रहने वाले शोभित सोनी ने एक ऐसा व्यवसाय शुरू किया है जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि उन्हें अच्छी खासी सफलता भी दिला रहा है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, बहुत से युवा अच्छी नौकरी की तलाश में जुट जाते हैं, लेकिन शोभित ने कुछ अलग करने की सोची। उन्होंने मिट्टी के कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय शुरू किया और आज उनकी सफलता की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। अब उनके 40 से 42 प्लांट हैैं और कंपनी का टर्नओवर 3 करोड़ रुपए है।
ऐसे आया विचार
शोभित को यह विचार तब आया जब उन्होंने देखा कि चाय की दुकानों और अन्य स्थानों पर प्लास्टिक और कागज के कपों का इस्तेमाल कितना बढ़ गया है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। उन्होंने महसूस किया कि कुल्हड़, जो मिट्टी से बने होते हैं, एक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हो सकते हैं। इसके साथ ही, कुल्हड़ में चाय पीने का एक अलग ही स्वाद और अनुभव होता है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस विचार को साकार करने के लिए शोभित ने गहन अध्ययन किया और कुल्हड़ बनाने की प्रक्रिया को समझा। उन्होंने स्थानीय कुम्हारों से संपर्क किया और उनसे मिट्टी के बर्तन बनाने की कला सीखी। इसके बाद, उन्होंने अपनी छोटी सी इकाई शुरू की, जहाँ वे पारंपरिक तरीकों से कुल्हड़ बनाने लगे।
हार नहीं मानी, नई रणनीति बनाई
शुरुआत में, शोभित को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कुल्हड़ का उत्पादन सीमित था और उन्हें बाजार में अपनी पहचान बनाने में समय लगा। लेकिन शोभित ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी मार्केटिंग रणनीति पर ध्यान दिया और स्थानीय चाय की दुकानों, रेस्तरां और अन्य व्यवसायों से संपर्क किया। उन्होंने उन्हें कुल्हड़ के पर्यावरण-अनुकूल होने और उनमें चाय पीने के अनूठे अनुभव के बारे में बताया। धीरे-धीरे, शोभित के कुल्हड़ की मांग बढऩे लगी। लोगों को मिट्टी के बर्तनों का पारंपरिक स्पर्श और पर्यावरण के प्रति उनका योगदान पसंद आने लगा। शोभित ने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और कारीगरों को काम पर रखा और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना शुरू किया, जिससे वे अधिक संख्या में और बेहतर गुणवत्ता वाले कुल्हड़ बना सकें।
आसपास फैल गया कारोबार
शोभित सोनी का कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय न केवल अजमेर में बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी फैल गया है। उनके बनाए कुल्हड़ विभिन्न आयोजनों और समारोहों में भी इस्तेमाल किए जाते हैं, जो उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है। शोभित ने यह साबित कर दिया कि एक साधारण विचार और कड़ी मेहनत से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। उनका व्यवसाय न केवल उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बना रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। शोभित की कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और पर्यावरण के प्रति भी जागरूक हैं। उन्होंने दिखाया कि पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों में भी अपार संभावनाएं हैं और सही दिशा में प्रयास करने से सफलता अवश्य मिलती है।