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    हर साल नया कोट सिलवाया लेकिन.. जब छलका था धर्मेंद्र का दर्द; देखें VIDEO

    बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र ने दशकों तक भारतीय सिनेमा पर राज किया, अनगिनत सुपरहिट फिल्में दीं, लेकिन एक चीज़ का मलाल उनके दिल में हमेशा रहा—वह था सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार। यह दर्द 1997 में तब खुलकर सामने आया, जब उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

    “नया कोट सिलवाया, पर अवार्ड नहीं मिला”

    लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड स्वीकार करते समय, धर्मेंद्र ने अपने दिल का दर्द बयां करते हुए कहा था, “हर साल नया कोट सिलवाया, लेकिन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड नहीं मिला। तमाम सुपरहिट फ़िल्में दीं, लेकिन अवार्ड नहीं मिला।” उनका यह बयान उनकी दशकों की कड़ी मेहनत और उसके बावजूद मुख्य श्रेणी का प्रतिष्ठित पुरस्कार न मिलने की टीस को दर्शाता है।

    37 साल का शानदार करियर

    धर्मेंद्र ने 1960 में अपनी फिल्म यात्रा शुरू की थी और 1997 तक 37 साल के अपने शानदार करियर में उन्होंने कॉमेडी, एक्शन, रोमांस और ड्रामा हर जॉनर में सफल फिल्में दीं। उनकी कुछ यादगार फिल्में हैं:

    • शोले
    • सीता और गीता
    • चुपके चुपके
    • मेरा गाँव मेरा देश
    • फूल और पत्थर

    इन फिल्मों में उनके अभिनय को दर्शकों और समीक्षकों ने सराहा, लेकिन उन्हें कभी भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की ट्रॉफी नहीं मिली।

    दिलीप कुमार ने दूर किया मलाल

    जब उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया, तब मंच पर उनके आदर्श और महान अभिनेता दिलीप कुमार मौजूद थे। दिलीप कुमार ने धर्मेंद्र को गले लगाया और कहा, “यह अवार्ड आपको बहुत पहले मिल जाना चाहिए था… मैं यह अवार्ड आपके दिल का सारा मलाल दूर करने के लिए आपको सौंपता हूँ।”

    दिलीप कुमार के इन स्नेह भरे शब्दों ने शायद उस लम्बे इंतज़ार और दर्द को थोड़ा कम किया। यह पुरस्कार उनके शानदार करियर का सम्मान था, लेकिन “बेस्ट एक्टर” अवार्ड न मिलने का मलाल हमेशा उनके साथ रहा।

    धर्मेंद्र की यह भावना दिखाती है कि बाहरी सम्मान और पुरस्कार किसी कलाकार के लिए कितने मायने रखते हैं, भले ही उन्हें दर्शकों का अपार प्यार मिला हो।

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